सिलीगुड़ी: भू-माफिया माने जाने वाले तृणमूल कांग्रेस (तृकां) नेता सत्येंद्र प्रसाद हत्याकांड मामले का मुख्य आरोपी भाजपा नेता हरेंद्र यादव समेत सभी आरोपियों के बिहार के रास्ते नेपाल भाग जाने का अंदेशा दार्जिलिंग पुलिस लगा रही है. हालांकि नौ अप्रैल यानी रविवार को खोरीबाड़ी थाना में कन्हैया साह द्वारा हरेंद्र और उसके अन्य साथी वीरेंद्र यादव, विक्की कुमार, राहुल यादव, रूपेश यादव व अन्य के विरूद्ध उसके भाई सत्येंद्र प्रसाद (38) की चकरमारी के लाडला लाइन होटल में सरेआम गोलीमार कर हत्या करने का मामला दायर करने के बाद ही पुलिस की एक टीम सभी आरोपियों को पकड़ने के लिए बिहार रवाना हो चुकी है.
दोनों ही पुलिस हिरासत में है. मामले की तफ्तीश के दौरान पुलिस को हत्या की वजह सिलीगुड़ी में मल्लागुड़ी के रेगुलेटेड मार्केट के नजदीक राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे हरेंद्र यादव की छह कट्टा जमीन सत्येंद्र प्रसाद द्वारा जबरन हड़पने और इस जमीन को लेकर बीते दो-तीन सालों से चल रहे विवाद का खुलासा हुआ है. खोरीबाड़ी पुलिस यह जानकर भी हैरान है कि मृतक सत्येंद्र प्रसाद के विरूद्ध प्रधाननगर, माटीगाड़ा व अन्य थानों में हत्या व जबरन जमीन दखल करने के दर्जनों केस दायर हैं. सत्येंद्र व उसके पिताजी हरेश्वर प्रसाद के अलावा कई रिश्तेदारों के विरूद्ध माटीगाड़ा थाना में भी जमीन दखल कर बिक्री करने का मामला दायर है. प्रधाननगर इलाके के एक राशन दुकानदार के हत्या के आरोप में सत्येंद्र जेल की हवा तक खा चुका था. पूरे घटनाक्रम को लेकर प्रधाननगर थाना की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं.
चंपासारी के पोकाइजोत व ठकनीकाटा इलाके में जमीन विवाद को लेकर अकेले सत्येंद्र के विरूद्ध दर्जनों केस प्रधाननगर थाना में दायर है. इसबीच,स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मल्लागुड़ी के रेगुलेटेड मार्केट के नजदीक की जमीन विवाद को लेकर सत्येंद्र के भाई कन्हैया साह ने 10 दिन पहले ही 30 मार्च को प्रधाननगर थाना में हरेंद्र यादव के विरूद्ध रंगदारी मांगने का मामला दायर कराया था. हत्यावाली रात से पहले कई बार हरेंद्र को प्रधाननगर थाना में देखा भी गया. पुलिस ने उसे गिरफ्तार तक नहीं किया. इतना ही नहीं प्रधाननगर पुलिस ने सत्येंद्र की हत्या के ठीक एक दिन पहले ही हरेंद्र के बेटे रंजन यादव को छिनताई करने के आरोप में दो अन्य सहयोगियों के साथ गिरफ्तार भी किया था.
मिली जानकारी के अनुसार जमीन विवाद को लेकर प्रधाननगर थाना पर इनदिनों पैसा बनाने का आरोप ला रहा है. आरोप है कि जमीन विवाद को लेकर जो भी मामले प्रधाननगर थाना में दायर होते हैं उन किसी भी मामलों को पुलिस जानबूझकर सुलझाती नहीं है. बल्कि दोनों हाथों से लड्डू लेने का काम करती है. सत्येंद्र हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस टीम के एक अधिकारी का कहना है कि जब हरेंद्र यादव के विरूद्ध प्रधाननगर थाना में मामला दायर हुआ तो उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया. साथ ही सत्येंद्र के विरूद्ध भी कई मामले दायर हैं. इसके बावजूद दोनों पर ही पुलिस कोई कार्रवायी नहीं कर रही थी. दूसरी ओर, सत्येंद्र के पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उसे जमीन हड़पने में महारत हासिल थी. उसे जमीन कारोबार की महारत अपने ही दादा दामोदर प्रसाद से मिली थी. काफी वर्षों पहले दामोदर प्रसाद सिलीगुड़ी के नामी अमीन और जमीन कारोबारी थे. सत्येंद्र अपने दादा से जमीन कारोबार का काम सीखने के बाद खुद ही अपना धंधा करने लगा. लेकिन वह जमीन के धंधे को गलत तरीके से करने लगा. उसे फरजी कागजातों के जरिये दूसरों की जमीन हड़पने में महारत हासिल थी.
इसके लिए वह बीएलआरओ से लेकर जिला स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों तक को मोटी रकम देता था. सत्येंद्र हत्याकांड को लेकर ही पुलिस का कहना है कि अगर प्रधाननगर या माटीगाड़ा थाना की पुलिस पहले ही सत्येंद्र और हरेंद्र पर कार्रवायी करती तो हत्या की नौबत नहीं आती. हरेंद्र यादव पर मामला दायर होने और उसे गिरफ्तार न किये जाने के बाबत प्रधाननगर थाना के सब-इंस्पेक्टर अनिरबन भट्टाचार्य के अलावा सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिट पुलिस के आलाधिकारियों के साथ मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन संपर्क नहीं हो सका.