12 दिसंबर से अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में आंदोलन करने का उन्होंने एलान भी किया. उल्लेखनीय है जनवरी में पहाड़ के दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, कर्सियांग और मिरिक नगरपालिका का चुनाव होना है. इस चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं.
अपनी प्रमुख मांग गोरखालैंड को लेकर गोजमुमो ने फिर से आंदोलन की हुंकार भरी है. पत्रकारों को संबोधित करते हुए विमल गुरूंग ने कहा कि पश्चिम बंगाल की तृणमूल राज्य सरकार पूरी तरह से तानाशाह है. राज्य के लोगों की सुख-सुविधाओं का ध्यान रखना और उनकी बातें सुनकर उस पर अमल करना मुख्यमंत्री नहीं जानती हैं. ममता बनर्जी हिटलर की तरह राज्य पर अपना एकछत्र राज कायम करना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि हम गोरखा जाति के पहचान की लड़ाई को उसके अंजाम तक पहुंचा कर रहेंगे. पिछले कई वर्षों से गोरखालैंड अलग राज्य की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है.
अब इस संबंध में राज्य सरकार से कोइ बातचीत नहीं होगी. अलग राज्य की मांग को लेकर गोजमुमो लगातार केंद्र की भाजपा सरकार के संपर्क में हैं. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ कई बार इस मुद्दे पर बैठक भी हुई है. भाजपा पूरी तरह से हमारे समर्थन में है. समय आने पर यह प्रमाणित भी होगा. एक सवाल के जवाब में श्री गुरूंग ने कहा कि पहाड़ सहित तराई व डुआर्स की गोरखा जाति गोजमुमो के साथ है. गोजमुमो एक बार नहीं बल्कि कई बार अपनी शक्ति राज्य को दिखा चुका है.