जलपाईगुड़ी:टी बोर्ड द्वारा लागू पैन इंडिया नियम तथा बैंकों की लेन-देन की वजह से डुवार्स के कई चाय बागानों के श्रमिकों को पूजा बोनस मिलने में देरी हो रही है. दुर्गा पूजा से ठीक पहले इस तरह की समस्या से चाय श्रमिक परेशान हैं. चाय बागान मालिकों के संगठन इंडियन टी प्लांटर्स एसोसिएशन (आइटीपीए) ने इस मामले में अपनी सफाई दी है.
संगठन के मुख्य सलाहकार अमितांशु चक्रवर्ती का कहना है कि बागान मालिकों ने पूजा बोनस देने का निर्णय कर लिया है. अब बैंकों की वजह से कई चाय बागानों के श्रमिकों को पैसे मिलने में परेशानी हो रही है. दूसरी तरफ चाय श्रमिक यूनियन के नेता भी इस नयी समस्या को लेकर रोष में हैं. उनका कहना है कि चाय श्रमिकों को तकनीकी कारणों से कोई लेना-देना नहीं है.
उन्हें बस समय पर पैसा मिल जाना चाहिए. दुर्गा पूजा की शुरूआत होने को है. इन नेताओं ने चाय बागान मालिकों से शीघ्र ही इस समस्या के समाधान के लिए आवश्यक पहल करने की मांग की है. इस बीच, कोलकाता में बोनस को लेकर हुई बैठक के बाद सभी चाय बागान मालिक समझौते के अनुसार बोनस देने को तैयार हैं. चाय नीलामी की रकम समय पर बागान मालिकों को नहीं मिलने से बोनस देने में समस्या हो रही है. आइटीपीए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टी बोर्ड ने ऑन लाइन चाय की नीलामी में कुछ नये नियम लागू किये हैं. इस महीने की 14 तारीख से यह कार्यकारी हो गया है. पहले के नियम के अनुसार, टी ब्रोकर सीधे संबंधित बागान से नीलामी के जरिये चाय लेते थे और 50 प्रतिशत राशि अग्रिम जमा करा देते थे. बाकी 50 प्रतिशत राशि चाय की बिक्री के बाद देते थे.
इस प्रक्रिया में करीब तीन सप्ताह का समय लगता था. पिछले दिनों चाय की नीलामी में पारदर्शिता लाने के लिए टी बोर्ड ने ऑन लाइन नीलामी की शुरूआत की है. पैन इंडिया नियम के माध्यम से इस पर निगरानी रखी जाती है. इसके अनुसार टी ब्रोकर चाय खरीदने के बाद इसकी बिक्री सीधे अन्य व्यापारियों को करते हैं. कुल रकम पर पैन इंडिया शुल्क के रूप में टी बोर्ड पहले ही काट लेता है. अमृतांशु चक्रवर्ती का कहना है कि हाल में ही इस नियम की शुरूआत हुई है और विभिन्न दस्तावेजों को बनाने का काम जारी है.
इसी वजह से चाय बागान मालिकों को टी ब्रोकरों से पैसे मिलने में परेशानी हो रही है. टी बोर्ड को इस मामले की लिखित जानकारी दी गई है. पूजा से पहले वह लोग श्रमिकों को बोनस दे पायेंगे या नहीं, यह भी अभी तय नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके संगठन में डुवार्स के 40 से 45 चाय बागान शामिल हैं. अधिकांश चाय बागानों में ही इस प्रकार की समस्या देखी जा रही है. चाय बागान मालिकों के संगठन डुवार्स ब्रांच इंडियन टी एसोसिएशन के सचिव सुमंत गुहा ठकुराता का भी कहना है कि पैन इंडिया नियम की वजह से लेन-देन में थोड़ी परेशानी हो रही है. हालांकि उन्हें इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है. वह पूरी जानकारी प्राप्त कर समस्या के समाधान की कोशिश करेंगे.
क्या कहते हैं यूनियन नेता : तृणमूल चाय बागान वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष मोहन शर्मा का कहना है कि दुर्गा पूजा से ठीक पहले श्रमिकों को बोनस नहीं मिलना एक बड़ी समस्या है. शीघ्र ही इसके समाधान की जरूरत है. वह टी बोर्ड तथा बागान मालिकों से बातचीत करेंगे. आवश्यकता पड़ने पर राज्य के श्रम मंत्री से भी बातचीत की जायेगी. चाय श्रमिक यूनियनों के संयुक्त मंच के कन्वेनर जियाउल आलम ने कहा है कि लेन-देन की प्रक्रिया को अत्याधुनिक बनाने की वजह से ही यह समस्या हुई है. यह नियम कितना कारगर होगा, इसमें संदेह है. श्रमिकों के हित में शीघ्र ही इस समस्या के समाधान की आवश्यकता है. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर बागान मालिकों को भी चेतावनी दी और कहा कि बागान मालिक बहाना बनाकर श्रमिकों को बोनस देने से दूर न भागें.
क्या कहते हैं टी बोर्ड के अधिकारी: इंडियन टी बोर्ड के उत्तर बंगाल स्थित उप-निदेशक रमेश कुजुर का कहना है कि उन्हें इस बात की काफी शिकायतें मिली है. पूजा से पहले यह एक बड़ी समस्या है. इस समस्या को शीघ्र दूर करने की जरूरत है. इसको लेकर उन्होंने कोलकाता में कंट्रोल आफ लाइसेंसिंग के साथ ही बातचीत की है. उम्मीद है कि कोई न कोई रास्ता निकल आयेगा.