इसको लेकर वाम मोरचा के घटक दलों के बीच एक बैठक हुई. इस बैठक में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर जमकर बहस हुई. कई नेताओं ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन किये जाने का विरोध किया. इन नेताओं का कहना था कि पूरे राज्य के साथ-साथ कूचबिहार में भी इस बेमेल गठबंधन को मंजूर नहीं किया. यही वजह है कि नौ सीटों से आठ सीटों पर पार्टी की करारी हार हुई. गठबंधन के विरोधी नेताओं की आवाज बुलंद देखकर वाम मोरचा नेताओं ने कांग्रेस के साथ दूरी बनाने का निर्णय लिया.
माकपा के जिला सचिव तारिणी राय ने कहा है कि बढ़ती महंगाई के खिलाफ 14 जुलाई को यहां महाजुलूस का आयोजन किया गया है. इसमें वाम मोरचा के घटक दल की शामिल होंगे. कांग्रेस को इस जुलूस में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है. श्री राय ने आगे कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है. बैठक के संबंध में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर नहीं, बल्कि आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए वाम मोरचा के नेताओं की बैठक हुई थी. इसी बैठक में अकेले दम पर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया.