सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम के नागरिकों को रैंप पर कैटवॉक करने और शरीर की नुमाइश करनेवाले मॉडल की नहीं बल्कि काम करनेवाले मेयर की जरूरत है. अशोक मॉडल के नाम पर यह कटाक्ष निगम में प्रतिपक्ष के नेता नांटू पाल ने की. वह शनिवार को स्थानीय देशबंधुपाड़ा के एनटीएस मोड़ पर तणमूल पार्षदों द्वारा निगम की वाम बोर्ड के विरूद्ध किये गये धरना-प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे.
श्री पाल ने मेयर पर निशाना साधते हुए कहा कि जब से निगम पर एक बार फिर से वाम मोरचा काबिज हुई है तभी से वामपंथी नेता व समर्थक अशोक मॉडल-अशोक मॉडल की जाप कर रहे हैं. उन्होंने वामपंथियों से अशोक मॉडल की परिभाषा देने को कहा. श्री पाल ने कहा कि निगम की जनता ने अशोक मॉडल को नहीं बल्कि अपना जनप्रतिनिधि भेजा है. लेकिन यह मॉडल छह महीने से मेयर के नाम पर केवल मॉडल बनकर रह गया है.
मेयर के रिमोट से कंट्रोल हो रही वाम बोर्ड न तो नागरिक परिसेवा दे रही है और न ही लोगों को सामाजिक सुरक्षा. नियमित साफ-सफाई न होने की वजह से सिलीगुड़ी बदरंग है. जगह-जगह गंदगी का अंबार लग चुका है. डेंगू, मलेरिया व इंसेफलाइटिस जैसे जानलेवा बीमारियां वापस फैलने लगी है. अधिकांश वार्डों में पेयजल की आपूर्ति भी सही तरीके से नहीं हो रही है. अशोक मॉडल की इस वाम बोर्ड को नागरिकों की सुख-सुविधा से कोई लेना-देना नहीं है.
उन्होंने कहा कि केवल मीटिंग एवं नारेबाजी करने में व्यस्त इस वाम बोर्ड के विरूद्ध तणमूल के आंदोलन को कोई नहीं रोक सकता. श्री पाल ने अशोक भट्टाचार्य पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि नवनिर्वाचित मेयर अब मुंगेरी लाल के हसीन सपने देखने लगे हैं. उन्होंने श्री भट्टाचार्य को चेताते हुए कहा कि सपना देखना छोड़ दे. वजह आगामी विधानसभा चुनाव में न तो वाम मोरचा जीतेगी और न ही मेयर मंत्री बनेंगे.
उन्होंने मेयर को सपनों की दुनिया से बाहर निकल कर केवल निगम की जनता के लिए काम करने की नसीहत दी. धरना-प्रदर्शन के दौरान सिलीगुड़ी के विधायक डॉ रूद्रनाथ भट्टाचार्य, दार्जिलिंग जिला तणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष व 20 नंबर वार्ड के पार्षद रंजन सरकार उर्फ राणा ने भी अपने संबोधन में मेयर व वाम बोर्ड की जमकर आलोचना की. आज के प्रदर्शन में तणमूल के कुल 17 पार्षदों में से 15 पार्षदों के अलावा भारी तादाद में महिला, युवा व छात्र विंग से नेता, कार्यकर्ता व समर्थक शामिल हुए. लेकिन 17 नंबर वार्ड की पार्षद व मंत्री गौतम देव की पत्नी शुक्ला देव एवं 37 नंबर वार्ड के पार्षद व तणमूल के विवादित नेता रंजनशील शर्मा मौजूद नहीं थे.