अपहरण की घटना के अगले दिन यानी 26 जून व 28 जून को दो बार अपह्रत के पिता मफिजुद्दीन अहमद ने इंग्लिशबाजार थाने में शिकायत दर्ज करायी थी. चार दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अपह्रत लॉ क्लर्क का सुराग नहीं लगा पायी. पुलिस अधीक्षक प्रसून बनर्जी ने बताया कि मामले की जांच चल रही है. अपह्रत को बरामद करने की कोशिश की जा रही है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जाकिर हुसैन तीन सालों से मालदा अदालत में काम कर रहे हैं.
वह इंग्लिशबाजार थानांतर्गत जदुपुर एक नंबर ग्राम पंचायत के गांवगाछी का निवासी है. परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी व तीन साल की बच्ची है. 25 जून को काम से घर लौटने के क्रम में जदुपुर स्टैंड के निकट से उनका अपहरण हुआ था. एक सादे रंग के अंबेसेडर कार में उन्हें उठा ले जाया गया था. 26 जून दोपहर से अज्ञात नंबरों से जाकिर के पिता मफिजुद्दीन अहमद के पास फिरौती के लिए फोन आना शुरू हो गया. पहले फिरौती की रकम सात लाख मांगी गयी थी, लेकिन 27 जून के बाद से फिरौती की रकम बढ़ा कर 10 लाख कर दी गयी है.
इंग्लिशबाजार थाने के आइसी दिलीप कर्मकार ने बताया कि जाकिर हुसैन लॉ क्लर्क होने के साथ ही अपना परिवार नामक एक चिटफंड संस्था का एजेंट भी था. इस अपहरण के घटना के पीछे लेनदेन का कोई कारण हो सकता है.