सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी के विधान रोड इलाके के रहने वाले कुणाल कुमार रात करीब 9 बजे अपने घर में बैठकर आराम से टीवी देख रहे थे. उसी समय उन्हें जमीन हिलने का अहसास हुआ और वह परिवार के लोगों को भूकंप की बात करते हुए परिवार सहित घर से बाहर आ गये. ऐसा ही आलम सिलीगुड़ी के अन्य इलाकों की भी थी. सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास के इलाके सहित सिक्किम में रात 9:02 मिनट पर अचानक भूकंप आने से पूरे इलाके के लोगों में दहशत का आलम था.
विभिन्न इलाकों के लोग अपने-अपने घरों से बाहर आ गये थे और काफी समय तक घर के बाहर ही रहे. दरअसल लोगों में 18 सितंबर 2011 को हुए भूकंप की याद ताजा हो गई थी. उस समय रियेक्टर स्केल पर 6.9 का भूकंप आया था और सिलीगुड़ी खासकर पड़ोसी राज्य सिक्किम में भयानक तबाही मची थी. उस भूकंप के कारण सिक्किम में सैकड़ों लोग मारे गये थे. उसके बाद से भूकंप की जब भी कोई छोटी-बड़ी घटना होती है, तो इस इलाके के लोग दहशत में आ जाते हैं.
बृहस्पतिवार की रात 9:02 मिनट पर कुछ ऐसा ही आलम था. हालांकि इस भूकंप के कारण कहीं किसी प्रकार के नुकसान के कोई खबर नहीं मिली है, लेकिन पुराने भूकंप को लेकर लोगों के मन में इतना अधिक दहशत है कि लोग सहज नहीं हो पा रहे थे. विभिन्न इलाके के लोग घंटों तक अपने घर के बाहर रहे और फोन पर अपने परिजनों की हाल-चाल भी जाना. इस बीच, उत्तर बंगाल एवं सिक्किम के मौसम विभाग के प्रमुख गोपीनाथ राहा ने बताया है कि बृहस्पतिवार की रात आये भूकंप का मुख्य केन्द्र नेपाल था और इसकी तीव्रता रियेक्टर स्केल पर 5.2 मापी गई. यह न तो बहुत बड़ा भूकंप था और न ही छोटा.
श्री राहा ने बताया है कि सिलीगुड़ी के साथ-साथ सिक्किम में इसकी तीव्रता अधिक आंकी गई. भूकंप के आज दूसरे दिन भी कहीं से किसी प्रकार के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है.