वाइस प्रिंसिपल अमित दां ने बताया कि जांच कमिटी की रिपोर्ट मिल गयी है. रिपोर्ट में प्रमाणित किया गया है कि उक्त महिला ने लड़की को ही जन्म दिया था. महिला ससुरालवालों के दबाव में लड़का होने की बात कह रही है. पूरे मामले की जानकारी इंगलिशबाजार थाने को दी गयी है. फिलहाल नवजात बच्ची को एसएनसीयू में रखा गया है. महिला बच्ची को दूध भी नहीं पिला रही है. मेडिकल कॉलेज की ओर से उसके लिए ब्रेस्ट मिल्क की व्यवस्था की गयी है. महिला के परिवार को भी इस बारे में बता दिया गया है.
इधर गाजोल थाना इलाके की रहनेवाली महिला सुनीता कर्मकार अब भी अड़ी हुई है कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन उसे पुत्र संतान दे. सुनीता के पति गोविंद टीकादार ने बताया कि मेरी पत्नी ने हमें बताया कि लड़का हुआ है. लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन लड़की होने की बात कह रहा है. किस बात पर हम विश्वास करें? हम कन्या संतान को लेने को तैयार नहीं हैं. मेरी पत्नी को लड़का हुआ है और हम लड़का लेकर ही घर जायेंगे.
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कहा कि जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हो गया है कि सुनीता को लड़की ही हुई है. अगर वह अपनी संतान को लेने को राजी नहीं होती है तो कानून के हिसाब से कदम उठाया जायेगा.