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Mamata Banerjee : ममता बनर्जी आज शाम दिल्ली होंगी रवाना, कल ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की बैठक में होंगी शामिल

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'एक देश एक चुनाव' के मतलब को लेकर सवाल किया और कहा, मैं ऐतिहासिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परिपेक्ष्य में एक राष्ट्र का अर्थ समझती हूं, लेकिन मैं इस मामले में इस शब्द के सटीक संवैधानिक व संरचनात्मक निहितार्थ को नहीं समझ पा रही हूं.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) आज नयी दिल्ली के दौरे पर भी जा रहीं हैं. कल ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की बैठक में शामिल होंगी. गौरतलब है कि उससे पहले ममता बनर्जी विधानसभा में बजट सत्र में शामिल होंगी और उसी दिन विधानसभा परिसर में कैबिनेट की बैठक में भी शामिल होंगी. जिसके बाद शाम को वह दिल्ली के लिये रवाना होंगी. उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ इसे लागू करने की इच्छुक है. हालांकि, इस मुद्दे पर कई विपक्षी राजनीतिक दलों ने अपनी आपत्ति जताई है. इस संबंध में देश के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को ध्यान में रखते हुए एक समिति का गठन किया गया है. उस समिति की बैठक में शामिल होने के लिए ममता बनर्जी आज दिल्ली जा रही हैं.

‘वन नेशन वन इलेक्शन’ मुद्दे पर ममता बनर्जी ने जताई थी आपत्ति

इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर आपत्ति जताई थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘एक देश एक चुनाव’ के मतलब को लेकर सवाल किया और कहा, मैं ऐतिहासिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परिपेक्ष्य में एक राष्ट्र का अर्थ समझती हूं, लेकिन मैं इस मामले में इस शब्द के सटीक संवैधानिक व संरचनात्मक निहितार्थ को नहीं समझ पा रही हूं. क्या भारतीय संविधान ‘एक देश, एक सरकार’ की अवधारणा का पालन करता है? मुझे डर है, ऐसा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जब तक यह अवधारणा कहां से आई इसकी ‘बुनियादी पहेली’ का समाधान नहीं हो जाता तब तक इस मुद्दे पर किसी ठोस राय पर पहुंचना मुश्किल है.

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राज्य चुनाव एक साथ न होना एक बुनियादी विशेषता : ममता बनर्जी

मुख्यमंत्री ने कहा, “शासन की ‘वेस्टमिंस्टर’ प्रणाली में संघ और राज्य चुनाव एक. साथ न होना एक बुनियादी विशेषता है, जिसे बदला नहीं जाना चाहिए. संक्षेप में कहें तो एक साथ चुनाव नहीं होना भारतीय संवैधानिक व्यवस्था की मूल संरचना का हिस्सा है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर अपनी-अपनी राय रखने के लिए एक पत्र लिखा था. पिछले साल सितंबर में गठित समिति की दो बैठकें हो चुकी हैं. समिति ने इस मुद्दे पर जनता से विचार मांगे हैं और राजनीतिक दलों को भी पत्र लिखकर एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर उनके विचार करने की मांग की है.

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