ममता बनर्जी के बयान से नाराज एसएससी अभ्यर्थी सड़क पर उतरे, चाय-पकौड़े लेकर किया प्रदर्शन
SSC Aspirants Protest: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के बयान से आहत एसएससी अभ्यर्थियों ने कोलकाता की सड़कों पर चाय-पकौड़े के साथ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जो नौकरी उनको मिलनी थी, उसे बेच दिया गया. ऐसे में, राज्य की प्रशासनिक प्रमुख द्वारा चाय बेचने के लिए कहने पर वे बेबस होकर सड़कों पर उतरे हैं.
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SSC Aspirants Protest: पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) में नौकरी पाने के इच्छुक असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने चाय की केतलियां, पकौड़े और मुढ़ी के पैकेट लेकर गुरुवार को महानगर की सड़कों पर प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा चाय और नाश्ता बेचकर स्वरोजगार का सुझाव देने के एक दिन बाद अभ्यर्थियों ने प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री के बयान के विरोध में महानगर में दो अलग-अलग मार्च निकाले गये.
विकास भवन के बाहर हुआ पहला प्रदर्शन
दृष्टिबाधित और दिव्यांग नौकरी चाहने वाले युवाओं ने सॉल्टलेक स्थित विकास भवन के बाहर पहला प्रदर्शन किया. यहां प्रदर्शनकारियों ने लंबे समय से रिक्त पदों पर नौकरियों की बहाली की मांग की. प्रदर्शनकारी शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु से मुलाकात करना चाह रहे थे. बाद में उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री से उन्हें मिलने से मना कर दिया गया. इससे गस्साये लोगों ने शिक्षा विभाग के मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया.
SSC Aspirants Protest: सियालदह से धर्मतला तक पैदल मार्च भी किया
गुरुवार को ही दूसरे मार्च में एसएससी के अभ्यर्थियों ने नियुक्ति प्रक्रिया में व्याप्त व्यवस्थागत अन्याय के विरोध में सियालदह से धर्मतला तक पैदल मार्च किया. इन अभ्यर्थियों को पहले नौकरी दी गयी थी. कई ने चाय की केतली, कप और ‘चॉप-मुढ़ी’ के पैकेट ले रखे थे, जिससे उनका प्रदर्शन सीधे मुख्यमंत्री की हाल ही में की गयी टिप्पणियों से जुड़ा हुआ था.
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हमें जो नौकरी मिलनी थी, उसे बेच दिया गया – अभ्यर्थी
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्हें वंचित किया गया है. जो नौकरी उनको मिलनी थी, उसे बेच दिया गया. ऐसे में, राज्य की प्रशासनिक प्रमुख द्वारा चाय बेचने के लिए कहने पर वे बेबस होकर सड़कों पर उतरे हैं. केतली लिये एक अभ्यर्थी ने कहा कि हमारे पास अब कोई विकल्प नहीं रहा. मुख्यमंत्री खुद हमें चॉप-मुढ़ी बेचने के लिए कह रही हैं.
सीएम ने चॉप बेचने का फैसला सुनाया है, अब कोई रास्ता नहीं – प्रदर्शनकारी
हावड़ा से आये एक और अभ्यर्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने चॉप बेचने का फैसला सुनाया है. अब कोई और रास्ता नहीं है. इसलिए हमने दीदी की बात मान ली है और सिर झुकाकर सड़कों पर उतर आये हैं. भ्रष्टाचार के कारण नौकरियां बेची जा रही हैं, इसीलिए, मुख्यमंत्री खुद चाय और चॉप की दुकानें खोलने का सुझाव दे रही हैं, क्योंकि वह काबिल लोगों को नौकरी नहीं दे पा रही हैं.
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