मेस्सी के कार्यक्रम में गड़बड़ी मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट का एसआईटी जांच में हस्तक्षेप करने से इनकार
Messi Program Mess: हाईकोर्ट में दाखिल 3 जनहित याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने घटना की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के साथ-साथ दर्शकों को टिकट के पैसे वापस करने का अनुरोध किया था. दर्शकों का एक वर्ग अर्जेंटीना के मशहूर फुटबॉलर लयोनेल मेस्सी को नहीं देख पाने से नाराज थे. दर्शनों ने स्टेडियम में जमकर उपद्रव मचाया था.
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Messi Program Mess: कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल की राजधानी कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में 13 दिसंबर को अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी के कार्यक्रम के दौरान हुई गड़बड़ी की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के काम में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजॉय पॉल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि मामले में जांच और पूछताछ शुरुआती चरण में हैं. अभी तक कोई ऐसा सबूत पेश नहीं किया गया है, जिससे साबित हो सके कि ‘जांच या पूछताछ में कोई गड़बड़ी’ है.
3 जनहित याचिकाओं में की गयी है सीबीआई जांच की मांग
हाईकोर्ट में दाखिल 3 जनहित याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने घटना की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के साथ-साथ दर्शकों को टिकट के पैसे वापस करने का अनुरोध किया था. दर्शकों का एक वर्ग अर्जेंटीना के मशहूर फुटबॉलर लयोनेल मेस्सी को नहीं देख पाने से नाराज थे. दर्शनों ने स्टेडियम में जमकर उपद्रव मचाया था.
कार्यक्रम में अव्यवस्था से नाराज लोगों ने सॉल्ट लेक स्टेडियम में की थी तोड़फोड़
मैदान में उपजी अव्यवस्था और कुछ लोगों के द्वारा मेस्सी के आसपास धक्का-मुक्की किये जाने के कारण कार्यक्रम को समय से पहले समाप्त कर दिया गया. इससे स्टैंड में बैठे दर्शक नाराज हो गये थे और जमकर तोड़फोड़ की थी. इस मामले में अंतरिम राहत की याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि इस स्तर पर वह जांच में किसी तरह का हस्तक्षेप करने और जांच पर रोक लगाने की इच्छुक नहीं है.
इस चरण में जांच में दखल नहीं देना चाहते – कलकत्ता हाईकोर्ट
खंडपीठ में जस्टिस पार्थ सारथी सेन भी शामिल हैं. खंडपीठ ने कहा- हम इस चरण में जांच में दखल नहीं देना चाहते. तीनों जनहित याचिकाओं पर सुनवाई खत्म होने के बाद पीठ ने कहा कि यह आम बात है कि सिर्फ कहने पर या सिर्फ इसलिए कि किसी पार्टी ने आरोप लगाये हैं, जांच को सीबीआई या किसी दूसरी एजेंसी को ट्रांसफर करने का निर्देश नहीं दिया जा सकता.
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Messi Program Mess: सरकार और आयोजकों को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश
हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और कार्यक्रम के आयोजक को 4 सप्ताह के अंदर याचिकाकर्ताओं की दलीलों के जवाब में अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता उसके दो सप्ताह के अंदर अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं. पीठ ने कहा कि तीनों जनहित याचिकाओं पर 16 फरवरी से शुरू होने वाले हफ्ते में फिर से सुनवाई होगी.
सरकार के वकील ने कहा- राज्य ने नहीं की थी टिकटों की बिक्री
पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने अदालत में दलील दी कि राज्य ने टिकटों की बिक्री नहीं की थी, और यह एक निजी कार्यक्रम प्रबंधन कंपनी द्वारा आयोजित कार्यक्रम था. उन्होंने दावा किया कि एसआईटी गंभीरता से जांच नहीं कर रही. इस मामले में बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
आयोजक सताद्रु को घटना के बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया
गड़बड़ी के सिलसिले में कार्यक्रम प्रबंधन कंपनी के मालिक सताद्रु दत्ता को उस दिन के कार्यक्रम के तुरंत बाद 14 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था. याचिकाकर्ताओं में से एक, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के वकील बिलवादल भट्टाचार्य ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए धन के स्रोत पर सवाल उठाया और अदालत से एक सक्षम केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच का आदेश देने का अनुरोध किया.
सरकारी वकील बोले- मुख्यमंत्री ने उसी दिन माफी मांगी, एसआईटी का गठन किया
एक अन्य याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित जांच समिति न्यायिक आयोग नहीं है. यह एक सामान्य प्रशासनिक समिति है. राज्य सरकार के वकील ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना के तुरंत बाद इस गड़बड़ी पर खेद व्यक्त किया था. उनकी सरकार ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज और प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों वाली एक समिति का गठन किया था.
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