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सेना का पक्ष लेने के कारण राज्यपाल से नाराज ममता
कोलकाता: राज्य के टोल प्लाजा पर सेना की ओर से वाहनों का आंकड़ा जुटाये जाने से उत्पन्न विवाद के बीच शनिवार को राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने सेना का पक्ष लिया. उन्होंने कहा कि लोगों को सेना जैसे जिम्मेदार संगठन के खिलाफ आरोप लगाते समय सावधानी बरतनी चाहिए. उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल के बयान […]
कोलकाता: राज्य के टोल प्लाजा पर सेना की ओर से वाहनों का आंकड़ा जुटाये जाने से उत्पन्न विवाद के बीच शनिवार को राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने सेना का पक्ष लिया. उन्होंने कहा कि लोगों को सेना जैसे जिम्मेदार संगठन के खिलाफ आरोप लगाते समय सावधानी बरतनी चाहिए. उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल के बयान पर नाराजगी जतायी है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल केंद्र सरकार की आवाज में बोल रहे हैं. गौरतलब है कि ममता ने राजमार्गों के टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती को लेकर टिप्पणी की थी.
राज्यपाल ने संवाददाताओं से कहा कि लोगों को सेना जैसे जिम्मेदार संगठन के खिलाफ आरोप लगाते समय सतर्क रहना चाहिए और सावधानी के साथ कोई बयान देना चाहिए. शनिवार को महानगर लौटे राज्यपाल ने कहा कि सेना को नीचा मत दिखाइये. सेना को बदनाम न करें.
इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि राज्यपाल केंद्र सरकार की आवाज में बोल रहे हैं. वह करीब आठ दिन से शहर में नहीं थे. ट्वीट कर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल को बयान देने से पहले सभी ब्योरों की जांच कर लेनी चाहिए थी.
क्या है मामला: सेना की ओर से गुरुवार को हुगली नदी पर बने विद्यासागर सेतु के टोल प्लाजा सहित राज्य के कई हिस्सों में वाहनों के आंकड़े जुटाये थे. मुख्यमंत्री ने इस पर कड़ा एतराज किया
और कहा कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना सेना ने ऐसा किया. उन्होंने इसके विरोध में राज्य सचिवालय नवान्न भवन से घर जाने से इनकार कर दिया और रात सचिवालय में ही बितायी. ममता ने पूछा था कि यह क्या ‘सैन्य तख्तापलट’ की कोशिश है. केंद्र ने उनकी कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह टिप्पणी उनकी ‘राजनीतिक हताशा’ का परिचायक है. बाद में सेना ने कहा कि रूटीन अभ्यास के तहत वाहनों के आंकड़े जुटाये गये. इसमें राज्य पुलिस का भी सहयोग लिया गया.
लोगों को सेना जैसे जिम्मेदार संगठन के खिलाफ आरोप लगाते समय सावधानी बरतनी चाहिए. सेना को नीचा न दिखाएं. सेना को बदनाम न करें.
केशरीनाथ त्रिपाठी, राज्यपाल
राज्यपाल केंद्र सरकार की आवाज में बोल रहे हैं. राज्यपाल को बयान देने से पहले सभी ब्योरों की जांच कर लेनी चाहिए थी. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.
ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री
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