कल्याणी: एक महिला द्वारा अपने जुड़वां नवजात बच्चियों को घर में अकेले छोड़ कर झारखंड चले जाने का मामला सामने आया है. अनु अधिकारी नाम की इस महिला ने रांची में पढ़नेवाली अपनी एक बेटी को लाने के लिए अपने नवजात जुड़वां बच्चियों को यहां घर में अकेले ही छोड़ दिया.
जब पुलिस को इस मामले का पता चला, तो उसने बच्चियों को घर से बाहर निकाला और नदिया जिले की एक अदालत ने बच्चों को बाल कल्याण गृह में भेजने का आदेश दिया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि अनु 19 मई को जेसी और ग्रेसी नाम की अपनी दो जुड़वां बच्चियों को रानाघाट के डॉन बॉस्कोपारा स्थित घर में छोड़ कर झारखंड गयी थी, ताकि बीए में पढ़नेवाली अपनी एक बेटी को रांची से ला सके. कल पड़ोसियों ने खिड़की से जब देखा कि जुड़वां बच्चियां रो रही हैं, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी, जिसने मौके पर पहुंच कर दरवाजा खोला और उन्हें बाहर निकाला.
सूत्रों ने बताया कि घर में खाने को भी बहुत कम खाना था और दोनों बच्चियां बीमार थीं. पुलिस ने आज उन्हें अदालत में पेश करने से पहले अनुलिया अस्पताल में भरती कराया. अदालत ने बच्चियों को कृष्णनगर के बाल कल्याण गृह में भेजने का आदेश दिया. इस बीच, रांची से आज लौटी अनु ने दावा किया कि उसे इस वजह से देर हो गयी, क्योंकि वह रांची से जिस ट्रेन में लौट रही थी, वह देर से चल रही थी. अनु ने कहा, ‘‘मैंने अपने एक पड़ोसी से कहा था कि वह बच्चों का ख्याल रखे.’’ रानाघाट के एसडीओ सुपर्णा कुमार रॉय ने कहा, ‘‘अदालत के अगले आदेश तक बच्चियां कृष्णनगर के बाल कल्याण गृह में ही रहेंगी.’’ अनु के पति किखिल अधिकारी झारखंड के मिशनरी उच्च विद्यालय में काम करते हैं.