कोलकाता: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), पूर्वी कमान की ओर से प्रोजेक्ट दर्पण के तहत एक अनोखी पहल की जा रही है. इसके तहत सीमावर्ती इलाके के गांवों में रहनेवाले करीब 135 जरुरतमंद लोगों के क्लेफ्ट (कटा होंठ) की नि:शुल्क सजर्री की गयी है.
ये वो लोग हैं, जिनका जन्म कटे होंठ के साथ हुआ था, जिससे उनकी सूरत बिगड़ी हुई थी. यह अभियान रोटरी क्लब ऑफ कलकत्ता विक्टोरिया, भगवान महावीर क्लेफ्ट फाउंडेशन, स्माइल ट्रेन के सहयोग से चलाया जा रहा है. हालांकि बीएसएफ ने इस अभियान की जिम्मेदारी बीएसएफ वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन को दे दी है. अभियान के तहत सजर्री डॉ कमलेश कोठारी व डॉ चंदा मुखर्जी करते हैं.
अभियान के एक वर्ष पूरा होने पर आयोजित कार्यक्रम में बीएसएफ के पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक बीडी शर्मा ने कहा : ग्रामीण इलाकों में कई लोग क्लेफ्ट को ईश्वर का अभिशाप समझ लेते हैं, उसकी वजह से जीवन भर उपेक्षित निगाहों से गुजरना पड़ता है. ऐसे में लोगों को जागरूक करना काफी जरूरी है कि मामूली सजर्री से इस अभिशाप से मुक्ति मिल सकती है. हम बहुत जल्द 200 लोगों की सजर्री का आंकड़ा छू लेंगे. साथ ही इस अभियान को भविष्य में सिर्फ बार्डर इलाके में केंद्रित न करके विभिन्न इलाकों तक ले जाना है. वहीं बांग्लादेश सीमा बल के साथ मिल कर बार्डर के दोनों तरफ इस अभियान को चलाने की योजना है.
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्य की महिला व शिशु कल्याण मंत्री शशि पांजा ने कहा : दर्पण अभियान समाज के लिए आयना की तरह है. यह सराहनीय है.
डॉ कमलेश कोठारी ने कहा : क्लेफ्ट की सजर्री दो से तीन राउंड में की जाती है, जिसके बाद होंठ हमेशा के लिए सुंदर हो जाता है.
मौके पर रोटेरियन राजेंद्र खंडेलवाल, बीडब्ल्यूडब्ल्यूए की किरण शर्मा, रंजन मुसद्दी सहित बीएसएफ के कई अधिकारी मौजूद रहे.