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शिक्षण संस्थानों में अनुशासनहीनता बरदाश्त नहीं : पार्थ
कोलकाता: कलकत्ता चेंबर ऑफ कॉमर्स (सीसीसी) की ओर से शनिवार को एक सेमिनार का आयोजन किया गया. उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता एवं पश्चिम बंगाल में छात्रों के लिए अवसर विषय पर वक्तव्य रखते हुए राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार हर स्तर पर प्रयास […]
कोलकाता: कलकत्ता चेंबर ऑफ कॉमर्स (सीसीसी) की ओर से शनिवार को एक सेमिनार का आयोजन किया गया. उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता एवं पश्चिम बंगाल में छात्रों के लिए अवसर विषय पर वक्तव्य रखते हुए राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है. न केवल स्कूलों में बल्कि कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में भी शिक्षा नीतियों में बदलाव किये जा रहे हैं. छात्रों व शिक्षकों की उपस्थिति से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर तक को दुरुस्त किया जा रहा है. कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जा रही है.
मंत्री ने शैक्षिक संस्थानों के प्रमुखों से अपील की कि वे किसी की अव्यावहारिक मांगें स्वीकार नहीं करें. उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में अनुशासनहीनता बरदाश्त नहीं की जायेगी. चाहे शिक्षक हों, शिक्षकेतर कर्मचारी हों, छात्र हों या छात्र यूनियन, किसी की भी अनुचित मांगें नहीं मानी जायेंगी. शिक्षण संस्थानों में समस्त प्रक्रिया लोकतांत्रिक ढंग से होगी. अपनी मांगेें मनवाने के लिए छात्रों को संस्थानों के प्रमुख को ताले में बंद करने का अधिकार नहीं है.
घेराव जैसी गतिविधियों को बंद करने का इशारा करते हुए मंत्री ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति यहां नहीं चल सकती है. छात्रों को अपनी पढ़ाई पर फोकस करना चाहिए. उच्च शिक्षा में चार ई का हवाला देते हुए कहा कि एक्सटेंशन, ईक्वेटी, एक्सीलेंस व एम्प्लायमेंट के आधार पर राज्य की शिक्षा का विकास व विस्तार किया जा रहा है. सरकार नये डिग्री व इंजीनियरिंग कॉलेज बनाने के साथ नये माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूल भी बना रही है. पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए एक कमेटी बनायी गयी है. नियमित कक्षाओं के साथ शिक्षिकों को भी अपने कर्त्तव्य के प्रति गंभीर बनना होगा. शिक्षा को उत्कृष्ट बनाने के लिए सबको ईमानदार कोशिश करनी होगी. राज्य का परिवेश व सुविधाएं बेहतर होंगी, तो छात्रों को बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि बाहर के छात्र यहां आकर शिक्षा ग्रहण करेंगे. शिक्षा, स्वास्थ्य व निवेश के मामले में अवसर बढ़ाने के लिए उद्योगों को सक्रिय रूप से आगे आना होगा.
सेमिनार में जादवपुर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो सुरंजन दास ने कहा कि उच्च शिक्षा को मजबूत करने के लिए पहले स्कूली शिक्षा को सुधारना होगा. प्रारंभिक शिक्षा से ही छात्रों की नींव मजबूत होगी, तभी वे अच्छे नागरिक बन पायेंगे. आइआइइएसटी, शिवपुर के निदेशक प्रो अजय कुमार राय ने कहा कि देश में जीनियस की कमी नहीं है. उनको सही दिशा देने व प्रेरित करने की जरूरत है. हर कार्य में छात्रों को शामिल किया जाये, उनको सही रूप में प्रशिक्षित किया जाये, तो कई प्रशासनिक समस्याओं का हल निकल सकता है. इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी छात्रों को रचनात्मक कार्यों की ओर प्रेरित करने के लिए स्टूडेंट्स इनोवेटिल सेंटर काफी सक्रिय रूप से काम कर रहा है.
कलकत्ता यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो आशुतोष घोष ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान के जरिये कई नये प्रयोग किये जा सकते हैं. इसके लिए सही योजना बनाने व उस पर अमल करने की जरूरत है. कार्यक्रम में सीसीसी के उपाध्यक्ष राजेंद्र खंडेलवाल, कई शिक्षाविद व उद्यमी शामिल थे. स्वागत भाषण सीसीसी के अध्यक्ष पवन कुमार अग्रवाल ने दिया.
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