छोटी इमारत बनाने वाले प्रमोटर से एक से डेढ़ लाख रुपये लेते हैं, जबकि बहुमंजिली इमारत या अपार्टमेंट बनाने पर रुपया की मांग बढ़ जाती है. महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में पार्षदों का अलग-अलग हिस्सा है.
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सिंडिकेट से करोड़ों कमाते हैं पार्षद
कोलकाता. सिंडिकेट राज से पार्षदों की कमाई लाखाें में नहीं बल्कि करोड़ों में होती है. यही कारण है कि पार्षद बनने से पहले साधारण सा दिखने वाला व्यक्ति पांच वर्ष में करोड़ों का मालिक बन जाता है. सिंडिकेट राज के तहत पार्षद अपने इलाके में जमीन की खरीद-बिक्री से लेकर प्रमोटरों द्वारा बनवायी जा रही […]
कोलकाता. सिंडिकेट राज से पार्षदों की कमाई लाखाें में नहीं बल्कि करोड़ों में होती है. यही कारण है कि पार्षद बनने से पहले साधारण सा दिखने वाला व्यक्ति पांच वर्ष में करोड़ों का मालिक बन जाता है. सिंडिकेट राज के तहत पार्षद अपने इलाके में जमीन की खरीद-बिक्री से लेकर प्रमोटरों द्वारा बनवायी जा रही बिल्डिंग में प्रति वर्गफुट के हिसाब से रुपया वसूलते हैं.
महानगर में कहां, कितना रेट (रुपये प्रति वर्गफुट)
क्षेत्र दर
न्यू अलीपुर 200-300 रुपये
ईएम बाइपास 100-150 रुपये
पार्क सर्कस 200-250 रुपये
बेलियाघाटा 150-200 रुपये
कसबा 250-300 रुपये
टॉलीगंज 100-200 रुपये
वसूली से होनेवाले नुकसान
महानगर में बढ़ रही है अवैध निर्माण की संख्या
फ्लैट की कीमतों में लगातार को रही बढ़ोतरी
सिंडिकेट राज का हो रहा विस्तार
सरकारी कार्यों की गुणवत्ता हो रही है कम
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