कोलकाता: तत्काल भाड़ा बढ़ाने की मांग को लेकर निजी बस और मिनी बस ऑपरेटरों की छह यूनियनों की 24 घंटे की हड़ताल के कारण सोमवार को राज्यभर में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
कोलकाता के कुछ मार्गों को छोड़ कर लगभग सभी सड़कों पर निजी बसें सुबह से ही नदारद थीं. हालांकि, टैक्सियां चल रही थीं. यद्यपि पश्चिम बंगाल सरकार बसों और ट्रामों के अपने बेड़े को चला रही थी, लेकिन अधिकतर निजी बसों के सड़क पर नहीं उतरने के कारण ये सभी ठसाठस भरे नजर आये.
यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान तक जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा. ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद से अभी तक केवल एक बार एक नवंबर 2012 को बसों का किराया बढ़ाया है. पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक दर्जन बार डीजल के दामों में वृद्धि के मद्देनजर ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट, बंगाल बस सिंडिकेट और कुछ अन्य मिनी बस संचालक संघों सहित निजी बस चालकों ने बस भाड़ा बढ़ाने की मांग को लेकर यह हड़ताल की. राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्र ने बताया कि सरकार बस ऑपरेटरों की मांग पर इस वक्त विचार नहीं कर रही है.