हावड़ा. 1983 से हावड़ा नगर निगम के 23 वार्डों में बने गैर मूल्यांकित अर्थात नन एसेस्ड मकानों का एसेसमेंट करने के बाद निगम ने कर (टैक्स) निर्धारण कर दिया है. यह कर 1 अप्रैल 2016 से लागू हो जायेगा.
सोमवार को पत्रकारों से मेयर डॉ रथीन चक्रवर्ती ने कहा कि फिलहाल 23 वार्डों में यह सुविधा प्रदान की गयी है. उन्होंने कहा कि वार्ड नंबर 6, 7, 10, 15, 20, 21, 22, 24, 25, 26, 27, 30, 31, 32, 33, 34, 35, 36, 37, 38, 40 व 43 के मकान मालिकों को वार्षिक मूल्यांकन करने के बाद टैक्स देना होगा. उन्होंने कहा कि टैक्स अदा उनको करना है, जिन्होंने खाली पड़ी जमीन पर मकान या बिल्डिंग बना लिया है.
उन्होंने कहा कि 1983 के बाद से उपरोक्त 23 वार्डों में खाली पड़ी जमीन पर बिना कर निर्धारण किये ही मकान बना कर लोग रह रहे हैं. वाम मोरचा के बोर्ड ने टैक्स निर्धारण नहीं किया था, जिसके कारण निगम को 70 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. नया कर निर्धारण करते हुए मेयर ने कहा कि 1 अप्रैल 2016 से टाली, टीन व एसबेस्टस के मकानों को 20 पैसा प्रति वर्गफुट वार्षिक कर निर्धारित किया गया है. पक्के मकान के लिए यह कर 1.00 रुपये प्रति वर्गफुट है. मकान मालिकों को राहत देते हुए मेयर ने कहा कि मकानों की मरम्मत के लिए वार्षिक कर में से 10 फीसदी काट कर निगम कर लेगा. इसके अलावा वार्षिक कर मूल्यांकन में से भी 30 फीसदी तक छूट दी जायेगी. उन्होंने कहा कि इस नये कर निर्धारण से निगम को सलाना 21 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचेगा.
इन्हें देना पड़ेगा एक फीसदी टैक्स : मंदिर, मसजिद, गुरुद्वारा, चर्च या कोई भी धार्मिक स्थल, सामाजिक संस्थान, सरकारी विद्यालय को संपूर्ण रूप से एक फीसदी कर निगम में जमा करने होगा. मेयर ने कहा कि वार्ड नंबर 45 से 50 तक के एडेड क्षेत्र के लोग अब से निगम में म्यूटेशन सहित अन्य लाभ अर्जन कर सकते हैं.
आपत्ति दर्ज करा सकते हैं करदाता : टैक्स को लेकर अगर किसी भी प्रकार की शिकायत है, तो करदाता निगम में 21 दिसंबर 2015 से 20 जनवरी 2016 के बीच अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. वे अपनी शिकायत www.hmcgov.in में लॉग इन कर सकते हैं या बोरो, निगम के प्रधान कार्यालय तथा एस्समेंट विभाग में शिकायत दर्ज करा सकते हैं. www.hmcgov.in में जाकर त्रिमासिक टैक्स के बारे में भी जान सकते हैं.
उन्होंने कहा कि रेलवे सहित कई सरकारी विभागों में निगम का करोड़ों रुपये बकाया है. अगर यह रुपया मिल जाता है तो निगम को जनवरी से मार्च तक प्रत्येक माह चार करोड़ रुपये मिलेंगे. इससे निगम को आर्थिक लाभ पहुंचेगा. इस मौके पर निगम के आयुक्त निलांजन चटर्जी, एमएमआइसी गौतम चौधरी, अरुणराय चौधरी सहित कई पार्षद उपस्थित थे.