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भद्रेश्वर की अंगस जूट मिल में तालाबंदी

हुगली: भद्रेश्वर थाना क्षेत्र की अंगस जूट मिल में सोमवार को तालाबंदी हो गयी. इससे लगभग पांच हजार मजदूर बेरोजगार हो गये हैं. हालांकि मिल की ओर से जारी नोटिस में इसे अस्थायी कार्यस्थगन करार दिया गया है. प्रबंधन की ओर से तालाबंदी के पीछे मिल के सिलाई विभाग के मजदूरों के आंदोलन को जिम्मेवार […]

हुगली: भद्रेश्वर थाना क्षेत्र की अंगस जूट मिल में सोमवार को तालाबंदी हो गयी. इससे लगभग पांच हजार मजदूर बेरोजगार हो गये हैं. हालांकि मिल की ओर से जारी नोटिस में इसे अस्थायी कार्यस्थगन करार दिया गया है. प्रबंधन की ओर से तालाबंदी के पीछे मिल के सिलाई विभाग के मजदूरों के आंदोलन को जिम्मेवार ठहराया गया है और पिछले समझौते का हवाला देते हुए कहा गया है कि मजदूर समझौता को नहीं मान रहे हैं. मिल के अंदर अनुशासनहीनता फैला रहे हैं.
मिल में तालाबंदी की खबर मिलने के बाद सुबह लगभग 11 बजे 19 यूनियनों के प्रतिनिधि मिल गेट पर जुटे और उन्होंने इसका विरोध किया. जेटीडब्ल्यू के मोइनुद्दीन, इंटक के नूर हसन, लखन प्रमाणिक, सीटू के लोकनाथ जयसवाल, आरसीएमयू के मोहम्मद इसलामुद्दीन, यूटीयूसी के इसराफुल अंसारी, बीएमएस के हरिशंकर प्रसाद, एटक के मंसूर आलम, एआइसीसीटीयू के सुदर्शन प्रसाद सिंह, नेशनल श्रमिक यूनियन के गुलाम अली, इफ्टू के मोहम्मद मुश्ताक, नेशनल जूट टेक्सटाइल के राम नरेश महतो आदि ने प्रबंधन द्वारा अवैध तरीके से मिल में तालाबंदी करने का विरोध किया.

उन्होंने कहा कि इस बाबत प्रबंधन को वे लोग ज्ञापन सौंपने आये हैं. उन लोगों ने दरबान से अपील की कि वह प्रबंधन के अधिकारियों तक उनकी बात पहुंचा दें, लेकिन मिल अधिकारियों ने गेट पर आने से इनकार करते हुए कहा कि हर यूनियन से एक-एक प्रतिनिधि मिल के कार्यालय में प्रेसिडेंट शंभूनाथ पाल व चीफ पर्सनल ऑफिसर केपी शी से मिल सकते हैं. हालांकि यूनियन के कई नेताओं ने मिल के अंदर जाने का मन बनाया, लेकिन उपस्थित मजदूरों की भीड़ ने नेताओं को अंदर जाने से रोक दिया. घंटे भर मिल गेट पर मजदूरों और यूनियन नेताओं की भीड़ लगी रही. शोर-शराबा होने पर भद्रेश्वर थाने के ओसी अरुंधती मजूमदार ने कहा कि ज्ञापन देने के लिए यूनियन के एक-एक प्रतिनिधि अंदर जा सकते हैं, लेकिन मजदूरों ने मिल के अंदर जाने पर प्रबंधन द्वारा किसी दूसरे मामले में फंसा देने की आशंका जतायी. इसके बाद मजदूर नेताओं ने श्रम विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देने के निर्णय लिया. मंगलवार शाम यूनियन के नेता इस संबंध में बैठक करेंगे. इस बीच एक मजदूर की मौत की खबर पाकर कुछ लोग उधर चले गये और बाकी लोग अपने घर लौट गये.

भद्रेश्वर नगरपालिका के चेयरमैन मनोज उपाध्याय ने बताया कि इस मिल के बंद होने से भद्रेश्वर और चांपदानी की अर्थ व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ेगा. उन्होंने श्रम अधिकारी को फ़ोन कर बातचीत की और मिल खुलवाने के लिए पहल करने की मांग की है.
मिल के श्रमिक विजय राउत ने बताया कि 30 जुलाई को सिलाई विभाग को लेकर एक दोपक्षीय समझौता हुआ था, जिसमें प्रबंधन ने दो महीने तक ठेके पर चलाने की बात कही थी, लेकिन दो महीना बीत जाने के बाद भी ठेका के लोगों से काम लिया जा रहा है. इससे मिल के साधारण मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. इसे लेकर िववाद हुआ, तो प्रबंधन ने 12 लोगो को गेट बाहर कर दिया था. जिन मजदूरों को काम से हटाया गया था, उनमें ललन पासवान, शंकर साव, संजय महांती, प्रमोद प्रसाद, प्रेम मुखर्जी, सारदा देवी, उर्मिला सबुद्दी, सहाबुद्दीन, जगन्नाथ नायक, बैजेंद्र प्रसाद, मुकेश सिंह एवं दिनेश कुमार मल्होत्रा शामिल हैं. उन्हें काम पर वापसी की मांग पर आंदोलन कल से शुरू हुआ और सुबह प्रबंधन ने तालाबंदी कर दी.
गौरतलब है कि मई से तेलिनीपाड़ा विक्टोरिया जूट मिल और सितंबर से चंदननगर की गोंदलपाड़ा जूट मिल बंद है. इससे लगभग 10 हज़ार मजदूर बेरोजगार हो गये हैं, अब अंगस जूट मिल के बंद होने से बेरोजगार श्रमिकों की संख्या बढ़ कर 15 हज़ार हो गयी है. मालूम हो कि त्रिपक्षीय समझौता के तहत विक्टोरिया जूट मिल बीते दिनों खोल दी गयी, लेकिन अभी तक प्रबंधन ने वहां उत्पादन नहीं शुरू करवाया है.

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