कोलकाता: छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कॉलेजों के छात्र संगठन के चुनाव को पीछे कर दिया है. जनवरी में होनेवाला चुनाव अब जून-जुलाई महीने में होगा. ऐसी ही जानकारी गुरुवार को राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने दी.
उन्होंने बताया कि इस संबंध में बहुत जल्द शिक्षा विभाग द्वारा निर्देशिका जारी की जायेगी. वर्ष 2016 में अप्रैल-मई महीने में विधानसभा चुनाव होगा. परीक्षाएं फरवरी व मार्च महीने में होंगी. ऐसी परिस्थिति में जनवरी में कॉलेजों में छात्र संगठन का चुनाव करा पाना संभव नहीं होगा. इससे छात्रों को काफी परेशानी होगी. छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला किया है. उन्होंने कहा कि साधारणत: जनवरी महीने में जिन नियमों के अनुसार, छात्र संगठन का चुनाव होता है, आगे भी उसी नियम से यहां चुनाव होगा. सिर्फ समय को जनवरी महीने से पीछे करते हुए जून-जुलाई महीना कर दिया गया है. शिक्षा मंत्री की इस घोषणा के संबंध में भाजपा समर्थित एबीवीपी के राज्य सचिव किशोर बर्मन ने कहा कि भाजपा का जिस प्रकार से यहां जनाधार बढ़ा है,
इससे राज्य सरकार घबरा गयी है. सात अक्तूबर को धर्मतल्ला में एबीवीपी की शक्ति को देख कर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की हवा निकल गयी है, इसलिए साजिश के तहत छात्र संगठन के चुनाव को जनवरी की बजाय जून-जुलाई में कराने का फैसला लिया गया है. छात्र संगठन के चुनाव एबीवीपी ने कई जगहों पर अपना परचम लहराया है.
आर अहमद डेंटल कॉलेज में तृणमूल कांग्रेस का झंडा पकड़ने वाला भी कोई नहीं है, इसलिए वहां चुनाव रद्द कर दिया गया. माकपा समर्थित एसएफआइ के राज्य सचिवालय देवज्योति दास ने कहा कि कॉलेज अब वसूली का केंद्र बन गया है. इसलिए तृणमूल कांग्रेस को डर है कि अगर जनवरी महीने में यहां मतदान होता है तो उनको हार का मुंह देखना पड़ सकता है. इसलिए अपनी लाज बचाने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है. उन्होंने राज्य सरकार के फैसले का विरोध किया है.