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एसजेडीए घोटाला: चाजर्शीट में नेताओं के नाम नहीं होने से सियासी उबाल

सिलीगुड़ी. करीब 200 करोड़ रुपये के सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) घोटाले में सीआइडी द्वारा चाजर्शीट दायर किये जाने के बाद राज्य में सियासी उबाल आ गया है. हाल ही में सीआइडी ने इस मामले में एसजेडीए के तत्कालीन सीइओ गोदाला किरण कुमार को गिरफ्तार किया था और उसके आधार पर कई नेताओं की भी गिरफ्तारी […]

सिलीगुड़ी. करीब 200 करोड़ रुपये के सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) घोटाले में सीआइडी द्वारा चाजर्शीट दायर किये जाने के बाद राज्य में सियासी उबाल आ गया है. हाल ही में सीआइडी ने इस मामले में एसजेडीए के तत्कालीन सीइओ गोदाला किरण कुमार को गिरफ्तार किया था और उसके आधार पर कई नेताओं की भी गिरफ्तारी की चर्चा चल रही थी. अब सीआइडी द्वारा चाजर्शीट दायर करने के बाद पूरे मामले में नया मोड़ आ गया है.

जानकारी के अनुसार, सीआइडी ने मंगलवार की शाम मैनागुड़ी श्मशान घाट में विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण को लेकर हुई आर्थिक गड़बड़ी के मामले में सिलीगुड़ी अदालत में चाजर्शीट दायर कर दी है. इस चाजर्शीट में गोदाला किरण कुमार सहित 16 लोगों के नाम हैं. इनमें से ज्यादातर एसजेडीए के कर्मचारी और ठेकेदार हैं. पहले चरण की जांच में कुल 9 करोड़ रुपये की हेराफेरी को लेकर यह चाजर्शीट दायर की गयी है. सीआइडी द्वारा चाजर्शीट दायर किये जाने के बाद विपक्ष ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोरचा खोल दिया है.

माकपा ने जहां सीबीआइ जांच की मांग ही है, वहीं भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर आक्रामक तेवर अख्तियार कर लिया है. भाजपा के महासचिव नंदन दास का कहना है कि सीआइडी राजनीतिक नेताओं को बचाने की कोशिश कर रही है. गोदाला किरण कुमार की गिरफ्तारी मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के लोगों के आंखों में धूल झोंकने के लिए की गयी है. श्री दास ने कहा कि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव है. इसके अलावा सिलीगुड़ी महकमा परिषद का चुनाव भी होना है. इन चुनावों को ध्यान में रखते हुए तृणमूल कांग्रेस सरकार एसजेडीए घोटाला मामले में जनता को बेवकूफ बनाना चाह रही है. राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार यह दिखाना चाहती है कि वह इस घोटाले की जांच को लेकर काफी गंभीर है.

वास्तविक स्थिति इसके ठीक विपरीत है. श्री दास ने कहा कि सरकारी अधिकारियों को बलि का बकरा बनाकर राज्य सरकार पूरे मामले की लीपापोती कर रही है. उन्होंने इस पूरे मामले में एसजेडीए बोर्ड के सदस्यों की भी गिरफ्तारी की मांग की. श्री दास ने एसजेडीए घोटाले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग दोहरायी. उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर भाजपा की ओर से सात दिनों तक लगातार आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है. भाजपा के सदस्य एसजेडीए कार्यालय के सामने लगातार विरोध प्रदर्शन करेंगे.

क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि एसजेडीए में करीब 200 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच सीआइडी द्वारा की जा रही है. इस मामले में 15 जुलाई को सिलीगुड़ी के पिंटेल विलेज से एसजेडीए के तत्कालीन सीइओ तथा आइएएस अधिकारी गोदाला किरण कुमार की गिरफ्तारी भी हुई है. गोदाला किरण कुमार अभी न्यायिक हिरासत में जेल में है. तीन अगस्त को फिर से उनकी अदालत में पेशी होगी.

चाजर्शीट में किनका नाम
एसजेडीए घोटाला मामले में सीआइडी ने जो पहली चाजर्शीट दायर की है, उसमें गोदाला किरण कुमार सहित 16 लोगों का नाम है. जिनमें एसजेडीए के कार्यकारी अभियंता मृगांग मौली सरकार तथा दो अन्य इंजीनियर सप्तऋषि पाल एवं प्रवीण कुमार का नाम उल्लेखनीय है. बाकी लोग एसजेडीए के ठेकेदार हैं. जिन 16 लोगों के खिलाफ चाजर्शीट दाखिल की गयी है उनमें से 12 लोगों की विभिन्न मौकों पर गिरफ्तारी हो चुकी है. इनमें से गोदाला किरण कुमार अभी जेल में हैं. बाकी अन्य लोग जमानत पर बाहर हैं. इस मामले में चार आरोपी अभी भी फरार हैं.

गोदाला किरण कुमार 45 दिनों के लिए सस्पेंड
कोलकाता. एसजेडीए घोटाले में गिरफ्तार आइएएस गोदाला किरण कुमार के निलंबन का नोटिस बुधवार को राज्य सरकार जारी कर दिया. राज्य सचिवालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, गोदाला किरण कुमार को फिलहाल 45 दिनों के लिए सस्पेंड किया गया है. गौरतलब है कि कोई भी सरकारी अधिकारी 48 घंटे से अधिक समय तक पुलिस या जेल हिरासत में रहता है तो उसे नियमों के अनुसार निलंबित कर दिया जाता है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गोदाला किरण कुमार के खिलाफ विभागीय जांच का पहले ही निर्देश दे दिया था. गोदाला किरण कुमार को सस्पेंड करने की घोषणा शनिवार को ही कर दी गयी थी, मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में नोटिस जारी किया गया. गिरफ्तारी के समय गोदाला किरण कुमार कृषि विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात थे.

गोदाला किरण कुमार 45 दिनों के लिए सस्पेंड
माकपा ने बुधवार को एसजेडीए घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग की. सिलीगुड़ी के मेयर व माकपा राज्य कमेटी के सदस्य अशोक भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार सारधा चिटफंड कांड की तरह एसजेडीए घोटाले को भी दबाने और आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है. माकपा ने कहा है कि आरोपियों को बचाने की कोशिश करनेवालों से भी पूछताछ होनी चाहिए.

अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 2011 में तृणमूल सरकार के सत्ता में आने के बाद रुद्रनाथ भट्टाचार्य को एसजेडीए का चेयरमैन बनाया गया. जब एसजेडीए घोटाले की बात सामने आयी तो रुद्रनाथ भट्टाचार्य को चेयरमैन पद से हटाकर गौतम देव को चेयरमैन बना दिया गया. वर्ष 2013 में ही एसजेडीए के तत्कालीन सीइओ जी किरण कुमार को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि उस वक्त उन्हें जमानत मिल गयी. तत्कालीन सिलीगुड़ी पुलिस आयुक्त के जयरमन के स्थानांतरण के आदेश के साथ उन्हें कंप्लसरी वेंटिंग में रखा गया था. कथित एसजेडीए घोटाले के सामने आने के बाद एसजेडीए चेयरमैन डॉ रुद्रनाथ भट्टाचार्य को बोर्ड से क्यों नहीं हटाया गया? गिरफ्तारी और जमानत मिलने के बाद जी किरण कुमार को पश्चिम बंगाल कृषि विभाग का संयुक्त सचिव नियुक्त कर दिया गया हालांकि इस महीने सीआइडी ने इसी मामले में फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. आरोप के मुताबिक जी किरण कुमार की पहली गिरफ्तारी के दौरान सत्तारूढ़ दल की ओर से उनका पक्ष लिया गया था. ऐसे में कई सवाल उठते हैं. इस मामले में अन्य कई लोगों से पूछताछ जरूरी है.

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