उन्होंने कहा कि हम लोग उस जमाने में रह रहे हैं, जहां एक जहाज माल उतारने के बजाय टैक्स में होनेवाले बदलाव की खबर जानने के लिए बीच समुद्र में खड़ा रहता है. श्री सिन्हा ने कहा कि बजट केवल सरकार की साल भर की कमाई व खर्च व अगले वित्त वर्ष की अनुमानित आय का प्रतिनिधि होता है. एफडीआइ (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के मुद्दे पर भाजपा की नीति का विरोध करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि एफडीआइ हमारी जीडीपी का केवल दो प्रतिशत है, जबकि हमारी घरेलू बचत हमारी जीडीपी का 37 प्रतिशत है. हकीकत में एफडीआइ एक दिखावा है. हमें किसी अजनबी के परोपकार पर निर्भर करने के बजाय अपने बल पर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए.
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बजट संबंधी गोपनीयता खत्म हो : यशवंत
कोलकाता: भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने वर्तमान वित्त मंत्री को यह परामर्श दिया है कि बजट को आसपास बरती जानेवाली गोपनीयता को खत्म करने की जरूरत है, ताकि उद्योग जगत के साथ-साथ आम लोग भी बजट को बेहतर बनाने में अपनी साङोदारी निभा पायें. आम बजट पर एमसीसी […]
कोलकाता: भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने वर्तमान वित्त मंत्री को यह परामर्श दिया है कि बजट को आसपास बरती जानेवाली गोपनीयता को खत्म करने की जरूरत है, ताकि उद्योग जगत के साथ-साथ आम लोग भी बजट को बेहतर बनाने में अपनी साङोदारी निभा पायें.
आम बजट पर एमसीसी चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक परिचर्चा को संबोधित करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि बजट को लेकर बतरी जानेवाली गोपनीयता को तोड़े जाने की जरूरत है. अगर बजट को तैयार करने में गोपनीयता नहीं होती, तो सरकार को 20000 करोड़ का मुद्रा बैंक तैयार करने में और सुझाव मिल गये होते. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बजट पेश करने से पहले बजट प्रस्तावों को तैयार करने में अनावश्यक रूप से गोपनीयता बरतती है.
श्री सिन्हा ने कहा कि घरेलू मांग व घरेलू बचत में विकास से देश का विकास होगा. हमें अपना ध्यान इस ओर केंद्रित करना चाहिए.
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