कोलकाता: केंद्र सरकार की ओर से तैयार किये जा रहे सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम (सीएमएस) पर सवालिया निशान लगाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक के माध्यम से कहा कि केंद्र का सीएमएस लोगों की निजी गोपनीयता पर खतरा है. इस सिस्टम के जरिये केंद्र सरकार लोगों की निजी जिंदगी में शामिल होना चाहती है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार सी-डॉट के माध्यम से सीएमएस नामक निगरानी तंत्र का विकास कर रही है, जिसके माध्यम से केंद्र सरकार किसी भी सरकारी कार्यालय व एजेंसियों में फोन पर किये बातचीत, एसएमएस, फैक्स, वेबसाइट चेक करने व सोशल मीडिया के प्रयोग के वास्तविक समय की जानकारी प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार केंद्र सरकार का यह सिस्टम के दी गयी क्षमताएं घातक व काफी विवादास्पद हैं. हमारे देश के लोगों की गोपनीयता बहुत जल्द केंद्र के यूपीए सरकार के हाथों में चली जायेगी.
राजनीतिक पार्टियां भी अंधेरे में
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि आखिरकार केंद्र सरकार ऐसा विवादास्पद सिस्टम क्यों शुरू करना चाहती है, वह क्यों सभी के फोन की बातचीत को टैप करना चाहती है. क्या यह विरोधी पार्टियों, नेताओं व अन्य लोगों की जुबान को बंद करने के लिए किया जा रहा है. किसके फोन की निगरानी की जायेगी और किसकी नहीं, यह कौन तय करेगा.
केंद्र सरकार ने यह सिस्टम शुरू करने से पहले न ही राजनीतिक पार्टियों से बात की है और न ही संसद में कोई बहस हुई है, इसलिए इस सिस्टम को लेकर सभी राजनीतिक दल भी अंधेरे में हैं. गौरतलब है कि केंद्र ने मार्च 2014 से राज्य के 12 राज्यों में यह सिस्टम शुरू करने का फैसला किया है.