कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब जेइइ मेंस में क्षेत्रीय भाषाओं में प्रश्नपत्र की मांग की है. उन्होंने कहा है कि यदि ऐसा नहीं होता, तो तीव्र आंदोलन छेड़ा जायेगा. उल्लेखनीय है कि मंगलवार को तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट करके कहा था कि जेइइ मेंस 2020 की परीक्षा अंग्रेजी और हिंदी के अलावा अब गुजराती में भी होगी. उन्होंने कहा था कि विकल्प केवल इन तीन भाषाओं में ही क्यों हो?
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बांग्ला सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी हो प्रश्नपत्र
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब जेइइ मेंस में क्षेत्रीय भाषाओं में प्रश्नपत्र की मांग की है. उन्होंने कहा है कि यदि ऐसा नहीं होता, तो तीव्र आंदोलन छेड़ा जायेगा. उल्लेखनीय है कि मंगलवार को तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट करके कहा था कि जेइइ मेंस 2020 की परीक्षा अंग्रेजी और हिंदी के […]
संविधान सबके लिए बराबर है. परीक्षा बांग्ला, ओड़िया, कन्नड़, तेलेगु, तमिल, मराठी सहित सभी क्षेत्रीय भाषाओं में होनी चाहिए. बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए ट्वीट करते हुए लिखा कि भारत कई धर्मों, संस्कृतियों, भाषाओं, समुदायों का देश है. लेकिन सभी धर्मों व भाषाओं का अहित करना, केंद्र सरकार का मकसद बन गया है.
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि वह गुजराती भाषा से प्रेम करती हैं. लेकिन अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की अनदेखी आखिर क्यों की गयी? उनके साथ अन्याय क्यों किया गया? यदि परीक्षा गुजराती में होनी जरूरी है, तो बांग्ला समेत सभी क्षेत्रीय भाषाओं में भी परीक्षा होनी चाहिए. मुख्यमंत्री का कहना है कि यदि यह मुद्दा शिष्टता के साथ निपटाया नहीं जाता, तो इसका तीव्र विरोध किया जायेगा. अन्य क्षेत्रीय भाषाई लोगों की भावनाएं इस अन्याय की वजह से आहत हो रही हैं.
माना जा रहा है कि इस मुद्दे को तृणमूल की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र में भी उठाया जायेगा. तृणमूल के इस मुद्दे का समर्थन कांग्रेस की ओर से भी किये जाने की संभावना है.
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