कोलकाता: फर्जी ट्रेड लाइसेंस के जरिये अपने ही कंपनी का नकली अधिकारी बन कर एक महिला ग्राहक से एक लाख 95 हजार 758 रुपये ठगने के मामले में लालबाजार के धोखाधड़ी विभाग की टीम ने भास्कर समाद्दार नामक एक युवक को गिरफ्तार किया है.
आरोपी को रिजेंट पार्क इलाके के नेहरू कॉलोनी से गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद जांच में पुलिस को पता चला कि इसके पहले भी वर्ष 2012 में वह एक ठगी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है. जिसके बाद जमानत पर रिहा होकर वह मारुति कंपनी के शोरूम में वह काम कर रहा था. गिरफ्तार आरोपी को अदालत में पेश करने पर सात जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
कैसे किया था ठगी
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि टॉलीगंज इलाके में स्थित रॉयल मोटर्स में भास्कर सेल्स एक्जीक्युटिव के पद पर कार्यरत था. इसी बीत वर्ष 2010 में एक महिला ने इस शोरूम से एक स्कॉरपियो कार खरीदी. डाउन किस्त के रूप में उन्होंने कार शोरूम में तीन चेक जमा किया था. भास्कर ने कंपनी में दो चेक जमा किया और एक लाख 95 हजार 758 के तीसरे चेक को उसने अपने फर्जी अकाउंट में जमा कराकर उससे रुपये निकाल लिये. उधर कार के लिए उठाये गये लोन में भास्कर ने इस रुपये को जोड़ दिया.
चार साल बाद खुलासा
इस धोखाधड़ी की खबर से अनभिज्ञ महिला लोन चुकाती रही. चार वर्ष बात लोन की रकम चुकाने का अनुमान लगाकर वह बैंक पहुंची तब उसे अतिरिक्त दो लाख रुपये लोन की बात की जानकारी मिली. 31 मार्च को वह फिर से रॉयल मोटर्स में पता लगाने पर कंपनी के तरफ से इसकी जांच की गयी, तब जाकर भास्कर के करतूत का खुलासा हुआ. इसके बाद कंपनी के तरफ से टॉलीगंज थाने में इसकी शिकायत दर्ज करायी गयी. जिसके बाद भास्कर को रिजेंट पार्क इलाके से दबोचा गया.पल्लव ने बताया कि इसके पहले वर्ष 2012 में फर्जी बीमा करवा कर एक व्यक्ति से 77 हजार रुपये ठगने के मामले में लालबाजार से धोखाधड़ी विभाग की टीम ने उसे गिरफ्तार किया था. इसके बाद जमानत पर रिहा होकर वह मौजूदा समय में मारुति कंपनी में सेल्स ब्वॉय के रुप में कार्यरत था. इसके पहले भी उसने इस तरह का और कितने ठगी के कार्य किये है, इस बारे में उससे पूछताछ जारी है.