कोलकाता/ नयी दिल्ली. जनता से गैरकानूनी तरीके से धन जुटाने के मामले में बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने 28 से ज्यादा संस्थाओं को प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने के लिए कम से कम चार वर्षों के लिये प्रतिबंधित कर दिया है. इस संबंध में सेबी ने आदेश जारी किया. यह मामले दो भिन्न-भिन्न संस्थाओं-रुफर्स इंफ्रा-प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और राहुल इन हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड से जुड़ा है.
रुफर्स इंफ्रा-प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, बंगाल की और राहुल इन हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड का पंजीकरण बिहार में हुआ है. इन कंपनियों ने नियमों का उल्लंघन करके सिक्योर्ड विमोच्य गैर परिवर्तनीय डिबेंचर जारी कर 74 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाये थे.
अलग-अलग आदेशों में बाजार नियामक ने कई इकाइयों को प्रतिबंधित किया है, इनमें से कुछ इकाइयों को निवेशकों को ब्याज के साथ पैसे वापस करने का निर्देश भी दिया गया है. सेबी ने रुफर्स इंफ्रा-प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और 20 अन्य इकाइयों को प्रतिबंधित कर दिया है, जिनमें कुछ व्यक्ति भी शामिल हैं. इसी तरह राहुल इन हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड और छह अन्य के मामले में कम से कम चार साल के लिये इसी तरह का आदेश दिया गया है.
सेबी ने अपने आदेश में कहा, जांच में पाया गया है कि रुफर्स इंफ्रा-प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने वर्ष 2009-10 से 2013-14 के बीच सिक्योर्ड विमोच्य गैर परिवर्तनीय डिबेंचर जारी करके कम से कम 74.40 करोड़ रुपये एकत्र किये हैं. कंपनी के साथ कुछ व्यक्तियों को निवेशकों का पैसा 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज से रिफंड करने का निर्देश दिया गया है.