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महानगर में लाखों में बिकता है फुटपाथ

काेलकाता: सिटी ऑफ ज्वॉय के नाम से मशहूर इस कोलकाता शहर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लंदन शहर की भांति सजाना चाहती हैं. इसके लिए वह हर संभव प्रयास में जुटी हुई हैं. महानगर की सरकारी इमारतों की रंगावट से लेकर रास्ते व उस पर लगे बैरिकेड को नीले-सफेद रंग से रंगा जा रहा है. मुख्यमंत्री […]

काेलकाता: सिटी ऑफ ज्वॉय के नाम से मशहूर इस कोलकाता शहर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लंदन शहर की भांति सजाना चाहती हैं. इसके लिए वह हर संभव प्रयास में जुटी हुई हैं.
महानगर की सरकारी इमारतों की रंगावट से लेकर रास्ते व उस पर लगे बैरिकेड को नीले-सफेद रंग से रंगा जा रहा है. मुख्यमंत्री का कोलकाता को लंदन बनाने का सपना कब पूरा होगा, यह तो आनेवाला वक्त ही बतायेगा, लेकिन फुटपाथ पर हॉकरों के अवैध कब्जे से शहर की सुंदरता धूमिल हो रही है. चाहे वह जादूघर हो या ग्रांड होटल, फुटपाथ से गुजरनेवाले लोग सुंदरता देखने की बजाय हॉकरों की भीड़ में खो जाते हैं. सबसे आश्चर्य की बात यह है कि कोलकाता को लंदन शहर बनाने की सोच रखनेवाली सरकार हॉकरों को हटाने का कोई प्रयास नहीं कर रही है. धीरे-धीरे कोलकाता शहर के फुटपाथ भी उद्याेग का रूप ले लिया है, क्योंकि यहां के फुटपाथ भी लाखों में बिकते हैं और हजारों रुपये इनका मासिक किराया होता है.
प्रशासन की मदद से चलता है फुटपाथी कारोबार
पुलिस-प्रशासन की मदद से फुटपाथी कारोबार चलता है. फुटपाथ पर दुकान लगानेवाले को एक तय रकम स्थानीय हाॅकर नेताओं एवं थाना पुलिस को देना पड़ता है. समस्या मुक्त व्यवसाय के लिए रोजाना लगभग 200 रुपये का खर्च आता है. मालूम हो कि महानगर में फुटपाथ पर दुकान लगानेवालों की संख्या लाखों में है, इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रतिदिन यहां के फुटपाथ से कितने रुपये की उगाही की जाती है. बड़ाबाजार, मछुआ, न्यूमार्केट, कैनिंग स्ट्रीट जैसे स्थानों पर यहां किसी व्यापारी के लिये डाला मिल जाना खजाना हाथ लगने से कम नहीं है. भले ही कोलकाता नगर निगम की ओर से इस तरह की कोई पुष्टि नहीं की गयी है, लेकिन कोलकाता का यह सबसे दामी फुटपाथ हैं, जो किसी आलीशान हाउसिंग परियोजना से भी महंगा है.
न्यू मार्केट, बड़ाबाजार व मछुआ फलमंडी में फुटपाथ की कीमत सबसे ज्यादा
महानगर में न्यूमार्केट व बड़ाबाजार क्षेत्रों में फुटपाथ की कीमत सबसे अधिक है. हाल ही में न्यूमार्केट में ग्रांड होटल के पास एक 80 वर्ग फुट का फुटपाथ 25 लाख रुपये में बिका. हालांकि, फुटपाथ की औपचारिक रूप से खरीद-बिक्री नहीं हो सकती, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि आपको कोलकाता शहर में कहीं भी फुटपाथ बिना रुपये खर्च किये मिल जाये. फुटपाथ पर दुकान लगाने के लिए आपको लाखों रुपये देने पड़ सकते हैं. जानकारी के अनुसार, धर्मतल्ला में ग्रांड होटल से लगे इस फुटपाथ पर मात्र 80 स्क्वायर फुट वाले डाला (लकड़ी का बॉक्स ) के लिए एक व्यापारी को 25 लाख का भुगतान करना पड़ा.

न्यू मार्केट के एक व्यापारी ने 25 लाख रुपये देकर इसका मालिकाना हासिल किया, अर्थात फुटपाथ खरीदने वाले व्यवसायी को प्रति स्क्वायर फीट 31 हजार 250 रुपये देना पड़ा. वहीं, महानगर की सबसे बड़ी फल मंडी मछुआ बाजार में चौकी के आकार के अनुसार आपको रुपये चुकाने होंगे. एक चौकी लगाने के लिए पांच से 10 लाख रुपये तक देना होगा, साथ ही इसके लिए प्रतिदिन एक से डेढ़ हजार रुपये का किराया भी देना पड़ता है. इसी प्रकार, बड़ाबाजार में फुटपाथ की कीमत पांच-10 लाख रुपये के बीच है. इसी प्रकार, गरियाहाट, श्यामबाजार, कैमेक स्ट्रीट सहित अन्य क्षेत्रों में भी फुटपाथ पर दुकान लगाने के लिए लाखों रुपये खर्च करने होंगे.

फुटपाथ पर रेडिमेड गार्मेंट की मांग सबसे अधिक
बड़ाबाजार हो या धर्मतल्ला या गरियाहाट. सभी स्थानों पर फुटपाथी बाजारों में रेडिमेड गार्मेंट की मांग सबसे अधिक होती है. इन फुटपाथों पर नये फैशन के कपड़े बिकते हैं. सबसे अधिक इस क्षेत्र में आज के समय की मांग के अनुरूप लड़के एवं लड़कियों के रेडीमेंट गार्मेंट यहां सस्ते व सुलभ दाम पर ग्राहकों को मिलते हैं. दुर्गापूजा के दौरान फुटपाथ पर दुकान लगानेवाले दुकानदारों की भी बल्ले-बल्ले रहती है. न्यूमार्केट क्षेत्र में तो लोगों को पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती. सुबह से लेकर देर रात तक लाखों की संख्या में ग्राहक खरीदारी करते हैं. व्यवसायी के मुताबिक इस डाले से रोजाना 50 हजार रुपये की बिक्री हो सकती है, जो किसी शॉपिंग मॉल की दुकान के समान है.

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