दार्जिलिंग. अब राज्य सरकार के साथ कोई भी बातचीत सिर्फ गोरखालैंड के मुद्दे पर ही होगी. दार्जिलिंग पहाड़ के लोगों को अलग राज्य से कम कुछ भी मंजूर नहीं है. वे सभी अलग राज्य के लिए सिर पर कफन बांध कर निकल चुके हैं. शनिवार को कुछ इसी अंदाज में गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरुंग ने गोरखालैंड की मांग को लेकर हुंकार भरी.
जीटीए से इस्तीफा देने के बाद वह संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. श्री गुरुंग तथा मोरचा के सभी सदस्य शुक्रवार को ही जीटीए से इस्तीफा दे चुके हैं. श्री गुरुंग ने कहा कि कल तक हमलोग जीटीए के सदस्य थे. उस वक्त भी हम सब मिलकर काम करते थे और अब एकसाथ ही सभी सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है. अब हमसभी को अलग राज्य गोरखालैंड के लिए मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने चार साल नौ महीने तक जीटीए का संचालन किया. इस दौरान जीटीए के संचालन में काफी परेशानी हुई. श्री गुरुंग ने इसके लिए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दोषी ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार जीटीए समझौते को नहीं मानी और विभागों का हस्तांतरण नहीं किया गया. बिमल गुुरुंग ने आगे कहा कि गोरखा समुदायों को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जाति के आधार पर बांटने तथा अलग-थलग करने की कोशिश की. इसके बाद भी हमलोगों ने कुछ नहीं कहा.
लेकिन जब बंगाल सरकार ने नेपाली भाषा पर अतिक्रमण करने का काम किया, तो हमें मजबूर होकर उसका विरोध करना पड़ा. नेपाली भाषा का अपमान बरदाश्त नहीं करेंगे. अब हमलोगों को अपनी पहचान के लिए गोरखालैंड चाहिए. गोरखालैंड आंदोलन में अब सभी राजनीतिक दल, संघ-संस्था तथा आमलोग एक होकर भाग ले रहे हैं, यह हमारे लिए खुशी की बात है. श्री गुरुंग ने कहा कि अलग राज्य को लेकर हमारी बातचीत केवल केंद्र सरकार के साथ होगी. यदि राज्य सरकार बातचीत करना चाहती है, तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन यह बातचीत केवल गोरखालैंड मुद्दे पर ही होगी. श्री गुरुंग ने कहा कि हम गोरखालैंड के लिए िसर पर कफन बांध कर निकले हैं. हम अंतिम सांस तक गोरखालैंड के लिए लड़ेंगे.
वी वांट गोरखालैंड के लगे नारे
दार्जीलिंग. वी वांट गोरखालैंड का नारा लगाते हुए गोजमुमो ने शनिवार को शहर में विराट रैली निकाली. शहर के रेलवे स्टेशन से निकाली गयी रैली लाडेनला रोड, चौरास्ता रोड, क्लब स्टैंड और पुराने सुपर मार्केट होते हुई शहर के मोटर स्टैंड होकर चौक बाजार पहुंची. रैली में शामिल मोरचा समर्थक जातीय वेशभूषा में थे. मुसलिम समुदाय ने भी गोरखालैंड गठन की मांग को लेकर शहर के डॉ जाकिर हुसैन रोड से विराट रैली निकाली. रैली ने शहर के आरएन सिन्हा रोड से होकर राष्ट्रीय मार्ग 55 होकर शहर की परिक्रमा की. अलग राज्य गोरखालैंड गठन की मांग को लेकर पहाड़ में पिछले काफी दिनों से रैली एवं प्रदर्शन का दौर चल रहा है. पहाड़ में पिछले दिनों से अनिश्चितकालीन बंद भी जारी है. बंद के दौरान पहाड़ के सभी चाय बगान, सिन्कोना बागान एवं सभी सरकारी कार्यालय पूरी तरह से बंद हैं. गोजमुमो ने आगामी 27 जून को जीटीए समझौते की कॉपी जलाने की घोषणा की है. 29 जून को सर्वदलीय बैठक की जायेगी. तीसरे चरण के इस सर्वदलीय बैठक में अलग राज्य गोरखालैंड गठन को लेकर आगे की रणनीति तय की जायेगी.दर्जीलिंग के साथ ही कर्सियांग,कालिम्पोंग और मिरिक में रैली निकाले जाने का सिलसिला भी जारी है.
राज्यपाल को भेजा इस्तीफा
दूसरी ओर, शनिवार को मोरचा प्रमुख बिमल गुरुंग ने जीटीए सदस्यों व चीफ के पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को भेज दिया है.