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पश्चिम बंगाल में 40 फीसदी पानी की कमी

कोलकाता: पानी हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है. बंगाल में पानी की बर्बादी का स्तर बहुत ज्यादा है. हमें इस बर्बादी को रोकने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए. यह बातें यादवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सिद्धार्थ दत्ता ने शनिवार को जल दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि […]

कोलकाता: पानी हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है. बंगाल में पानी की बर्बादी का स्तर बहुत ज्यादा है. हमें इस बर्बादी को रोकने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए. यह बातें यादवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सिद्धार्थ दत्ता ने शनिवार को जल दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि बंगाल में 40 प्रतिशत पानी की कमी है. जल प्रदूषित होने के वजह से पांच वर्ष से कम उम्रवाले 90 प्रतिशत बच्चे टाइफाइड, मलेरिया, पेट में कीड़े होने का खतरा व अन्य बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2025 तक भारत में 50 फीसदी जल संकट की संभावना है.

श्री दत्ता ने कहा : जल की बात आती है तो सबसे पहले गंगा जल का नाम आता है, क्योंकि जल को पावन मां गंगा ने ही बनाया है. अफसोस यह है कि आज मनुष्य तेजी से प्रकृति का विनाश कर रहा है. बढ़ता प्रदूषण एक गंभीर समस्या का कारण बना हुआ है. गंगा नदी का अस्तित्व भी खतरे में है. गंगा का बायलॉजिकल ऑक्सीजन स्तर तीन डिग्री सामान्य से बढ़ कर छह डिग्री हो गया है, क्योंकि दो करोड़ 90 लाख लीटर प्रदूषित कचरा इसमें प्रतिदिन गिरता है. पानी को बचाने और उसके संरक्षण के लिए सरकार की और तमाम प्रयास करने चाहिए. पानी का संकट आने ही वाला है. जल संकट के समाधान के लिए हमें अपने सोचने का तरीका बदलना होगा.

वहीं, कोलकाता नगर निगम के वाटर सप्लाई विभाग के डीजी बीके मायती ने कहा कि जल संकट की चिंता स्वाभाविक ही है. यह संकट अब किसी खास मौसम से जुड़ी बात नहीं रह गयी है. प्रदूषण व जल प्रबंधन की कमजोरियों की वजह से साफ पानी की उपलब्धता कम होती जा रही है.

आकड़ों के मुताबिक विश्व के 1.5 अरब लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है. पानी प्राकृतिक देन है, इसलिए हमें प्राकृतिक संसाधनों को दूषित नहीं होने देना चाहिए और ना ही पानी को बर्बाद करना चाहिए. जल प्रदूषण की समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. पृथ्वी का दो तिहाई भाग जल होते हुए भी इसमें से मानव के उपभोग योग्य जल ही मात्र कम है. प्रकृति से प्राप्त जल का प्रमुख स्त्रोत वर्षा है.

यह कार्यक्रम बंगाल नेशनल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में शनिवार को आयोजित किया गया. मौके पर बीएनसीसीआई के अध्यक्ष दिव्येंदु बसु, बीके दत्ता, अमित नायर, प्रोफेसर हेमंत मजुमदार, एनएएसआइ के सचिव प्रोफेसर बी पी चटर्जी व अन्य उपस्थित रहे.

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