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ममता का दार्जिलिंग में डेरा, मंत्री सिलीगुड़ी लौटे

कोलकाता: गोरखा जनमुक्ति माेरचा के हिंसक आंदोलन के कारण पहाड़ की राजनीति गरमा गयी है. मोरचा के हिंसक आंदोलन व शुक्रवार को 12 घंटे के बंद के एलान ने दार्जिलिंग व पहाड़ के अन्य हिस्सों में अफरातफरी मचा दी है. मोरचा के हिंसक आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए राज्य प्रशासन ने दार्जिलिंग में सेना […]

कोलकाता: गोरखा जनमुक्ति माेरचा के हिंसक आंदोलन के कारण पहाड़ की राजनीति गरमा गयी है. मोरचा के हिंसक आंदोलन व शुक्रवार को 12 घंटे के बंद के एलान ने दार्जिलिंग व पहाड़ के अन्य हिस्सों में अफरातफरी मचा दी है.
मोरचा के हिंसक आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए राज्य प्रशासन ने दार्जिलिंग में सेना बुला ली है. राज्य सरकार के आह्वान पर सेना दार्जिलिंग पहुंच गयी है. गुरुवार को दार्जिलिंग में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल होने के लिए 28 मंत्री वहां पहुंचे थे, जो सभी सिलीगुड़ी लौट गये हैं. लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग में ही डेरा डाल दिया है.

मुख्यमंत्री का शुक्रवार को दार्जिलिंग से वापस लौटने का कार्यक्रम था, पर उन्होंने स्थिति स्वभाविक न होने तक दार्जिलिंग से वापस लौटने से इनकार कर दिया है. हालांकि कुछ सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री शनिवार को दार्जिलिंग से लौट जायेंगी. उनके मंत्रिमंडल के 28 सदस्य जो मंत्रिमंडल की बैठक में हिस्सा लेने गये थे, वे सभी पुलिस की सुरक्षा में पहाड़ से सिलीगुड़ी पहंच गये हैं. मोरचा के हिंसक आंदाेलन व शुक्रवार को बंद के आह्वान को देखते हुए परेशान पर्यटकों ने भी दार्जिलिंग छोड़ना शुरू कर दिया है. बड़ी संख्या में पर्यटकों के वाहन मंत्रियों के काफिले के पीछे शामिल हो गये आैर सुरक्षित सिलीगुड़ी लौट आये.

पर्यटकों का विशेष ख्याल रखने का हुक्म
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अधिकारियों को गोरखा जन मुक्ति माेरचा के 12 घंटे के बंद के दौरान पहाड़ पर जन-जीवन स्वाभाविक बनाये रखने का निर्देश दिया है. मोरचा ने शुक्रवार को पहाड़ पर 12 घंटे बंद का एलान किया है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बंद व हड़ताल की राजनीति की घोर विरोधी हैं. विपक्षी दलों के बंद व हड़ताल के आह्वान को उन्होंने सख्ती से असफल किया है. इस वजह से मोरचा के बंद को भी असफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने पुलिस व प्रशासन को कड़ा निर्देश दिया है. चूंकि 43 वर्ष बाद दार्जिलिंग में मंत्रिमंडल की बैठक हुई है, इसलिए पूरा राज्य सचिवालय भी दार्जिलिंग में ही मौजूद है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि ऐसी व्यवस्था की जाये, जिससे मोरचा के बंद का जन-जीवन पर कोई असर न पड़े. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि इस बात का ख्याल रखा जाये कि जन-जीवन स्वाभाविक रहे. बाजार-दफ्तर आदि खुले रहें आैर विशेष रूप से पर्यटकाें को किसी तरह की दिक्कत न हो. पर्यटकों के ठहरने, खाने व लौटने के लिए वाहन की व्यवस्था करने की मुख्यमंत्री ने विशेष हिदायत दी है.
दार्जिलिंग को लेकर राजनीति कर रही हैं मुख्यमंत्री : मन्नान
कोलकाता. विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दार्जिलिंग को लेकर राजनीति कर रही हैं. श्री मन्नान ने विधानसभा में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि गोरखा उन लो‍गों के भाई हैं. देश की रक्षा के लिए उन लोगों ने अपनी जान भी दी है. मुख्यमंत्री उनके बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रही हैं. यह पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी की नीतियों के साथ मेल नहीं खाती हैं. राजीव गांधी धैर्य के साथ घीसिंग के साथ समझौता किया था और पहाड़ में शांति वापस लौटी थी, लेकिन मुख्यमंत्री की राजनीति से पहाड़ की शांति बाधित हो रही है.

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