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Kolkata News: इस शहर में फिर दौड़ेगी डबल डेकर बस, इन सुविधाओं से होगी लैस

कभी कोलकाता की पहचान हुआ करती थीं डबल डेकर बसें. नौकरी की तलाश में बिहार, यूपी, ओड़िशा, असम आदि प्रदेशों से कोलकाता आनेवालों के लिए ये बसें विस्मय का कारण हुआ करती थीं, आकर्षण का केंद्र होती थीं.

कोलकाता : कभी कोलकाता की पहचान हुआ करती थीं डबल डेकर बसें. नौकरी की तलाश में बिहार, यूपी, ओड़िशा, असम आदि प्रदेशों से कोलकाता आनेवालों के लिए ये बसें विस्मय का कारण हुआ करती थीं, आकर्षण का केंद्र होती थीं. चाहें पुरानी फिल्में हों या फिर पुराने उपन्यास, कोलकाता की डबल डेकर यानी दो-मंजिली बसें सर्वत्र इस महानगर की छवि के साथ जुड़ी हुई प्रतीत होती थीं. लेकिन समय बदला, तो ये भी बदल गयीं.

धीरे-धीरे गायब होती गयीं. 2005 में पूरी तरह से इन्हें यहां की सड़कों से हटा दिया गया. लेकिन डेढ़ दशक बाद अब एक बार फिर ये बसें महानगर की सड़कों पर नजर आयेंगी. वैसे, इस बार जन-परिवहन को बल देने के लिए नहीं, बल्कि महानगर के सौंदर्य व यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन्हें फिर से शुरू किया जा रहा है. बिल्कुल नये रंग-रूप में. वैसे इनके परिचालन के लिए इनका रूट व शेड्यूल आदि अभी तय होने बाकी है. पता चला है कि उद्घाटन के बाद किराये की दर व रूट तथा शेड्यूल आदि तय किये जायेंगे. कोलकाता में डबल डेकर यानी दो-मंजिली बसें से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

मंगलवार को राज्य सचिवालय, नबान्न, से दो डबल डेकर बसों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हरी झंडी दिखायेंगी. लेकिन चिरपरिचित लाल रंग की बजाय इन बसों का रंग नीला व सफेद होगा. बताया गया है कि लंदन के सिटी टुअर की तर्ज पर इन बसों को कोलकाता में चलाया जायेगा.

नये अवतार में आ रही इन बसों में सीसीटीवी, पैनिक बटन, ऑटोमैटिक दरवाजा, वेंटिलेशन बोर्ड आदि जैसी आधुनिक सुविधाएं रहेंगी. पुरानी डबल डेकर बसों में दो दरवाजे हुआ करते थे. एक लोअर डेक के लिए और दूसरा ऊपरी मंजिल पर जाने के लिए. नयी बसों में कुल सीटें 51 रहेंगी. ऊपर लगी सीटों की संख्या 17 होगी. इन बसों का निर्माण वेबको ने किया है. प्रति बस कीमत 45 लाख रुपये बतायी गयी है.

पश्चिम बंगाल परिवहन निगम ने इन बसों को खरीदा है. गत मार्च महीने में मंजूरी मिलने के बाद वेबको ने बसें सौंप दी थी. तय हुआ था कि पर्यटन के लिहाज से न्यू टाउन में बसों को चलाया जायेगा. तब तक लॉकडाउन का दौर चल पड़ा. इसके बाद परिवहन निगम के डीपो में इन बसों को रख दिया गया था. हाल ही में सरकार ने फैसला किया है कि परिवहन निगम के बजाय अब पर्यटन विकास निगम इन बसों को चलायेगा. रखरखाव भी पर्यटन विकास निगम ही करेगा. परिवहन निगम केवल ड्राइवर मुहैया करेगा.

कोलकाता में पहली बार 1926 में चली थी डबल डेकर बस

गौरतलब है कि कोलकाता की सड़कों पर पहली बार 1926 में डबल डेकर बसें चली थीं. कालीघाट से श्यामबाजार के बीच. जल्द ही ये काफी लोकप्रिय हो गयीं थीं. धीरे-धीरे ये कोलकाता की छवि से जुड़ गयीं. आखिरी बार 1985 में सीएसटीसी (कलकत्ता स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन) ने 295 डबल डेकर बसें खरीदी थीं. इसके बाद फिर कभी नहीं. 1990 से इनकी तादाद घटने लगी. तब बताया गया कि इनमें काफी ईंधन लगता है. 2005 में सीएसटीसी ने डबल डेकर बसों को बंद करने का फैसला किया. इन्हें फिर स्क्रैप के तौर पर बेचा जाने लगा. न्यू टाउन के इको पार्क में अभी भी ऐसी एक बस को स्मारक के तौर पर रखा गया है.

Posted by : Pritish Sahay

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