32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

दिल में हुई 25.7 मिमी की छेद नयी तकनीक से मिली जिंदगी

कोलकाता : बीरभूम की रहनेवाली शरीफा बीबी (55) के दिल में 25.7 मिलीमीटर की छेद हो गयी थी. दिल के सामान्य ऑपरेशन से उन्हें बचाना संभव नहीं था. कोलकाता के रवींद्रनाथ टैगोर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियक साइंसेज के डॉक्टरों ने अनूठी सर्जरी कर महिला की जान बचा ली और फिलहाल वह स्वस्थ हैं. आरएन टैगोर […]

कोलकाता : बीरभूम की रहनेवाली शरीफा बीबी (55) के दिल में 25.7 मिलीमीटर की छेद हो गयी थी. दिल के सामान्य ऑपरेशन से उन्हें बचाना संभव नहीं था. कोलकाता के रवींद्रनाथ टैगोर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियक साइंसेज के डॉक्टरों ने अनूठी सर्जरी कर महिला की जान बचा ली और फिलहाल वह स्वस्थ हैं.

आरएन टैगोर अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ देवव्रत रॉय ने बताते हैं कि शरीफा बीबी को दिसंबर माह में दिल का दौरा पड़ा. स्थानीय अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने उनकी एंजियोप्लास्टी की, लेकिन उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी. बाद में उन्हें गंभीर हालत में आरएन टैगोर अस्पताल में भर्ती कराया गया.

जांच के दौरान पाया गया कि मरीज के दिल में लगभग 25.7 मिमी का छेद था. इस तरह के मामले में वेंट्रिकुलर सेप्टल डिवाइस (डीएसडी) का उपयोग किया जाता है, लेकिन सबसे बड़ा उपलब्ध वीएसडी डिवाइस केवल 24 मिमी है, इसलिए इस मामले में कोलकाता में पहली बार 28 मिमी वेंट्रिकुलर सेप्टल डिवाइस (वीएसडी) का उपयोग किया गया और सफलतापूर्वक उनके छेद को बंद किया गया, लेकिन जांच के दौरान फिर पाया गया कि अभी भी उनकी धमनियों में ब्लॉकेज थे. उसके लिए फिर से एंजियोप्लास्टी की गयी.
आरएन टैगोर अस्पताल की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ महुआ राय ने कहा कि पहली बार इस तकनीक का इस्तेमाल कर महिला को नया जीवन देने में सफल रहे. उन लोगों को प्रसन्नता है कि वह महिला अब पूरी तरह से स्वस्थ है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें