पीयरलेस अस्पताल में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में बोले एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, एमडी, एमआरसीपी डॉ केके गंगोपाध्याय
कोलकाता : डायबिटीज होने पर इंसुलिन थेरेपी से मरीज को घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि इंसुलिन डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे सुरक्षित इलाज है. इंसुलिन को लेकर समाज कई तरह के भ्रामक तथ्य फैले हुए हैं, जिसके खिलाफ जागरूक होने की आवश्यकता है. यह बातें पीयरलेस अस्पताल में आयोजित इंसुलिन से इलाज के प्रति जागरूकता कार्यक्रम में एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, एमडी, एमआरसीपी डॉ केके गंगोपाध्याय ने कहीं.
उन्होंने कहा कि डायबिटीज से पीड़ित मरीज के शरीर में इंसुलिन के स्तर बढ़ाने या उसे कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन के इंजेक्शन या दवाई दी जाती है, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण मरीज इंसुलिन के इस्तमाल से डरते हैं. इसके प्रति सही जानकरी देकर डायबिटीज का सही इलाज किया जा सकता है.
वहीं पीयरलेस अस्पताल के सीनियर विजिटिंग कंसल्टेंट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, एमबीबीएस, एमडी, डॉ सुजय मजुमदार ने बताया कि मरीजों के साथ डॉक्टरों को भी इंसुलिन के इस्तेमाल के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है. डॉक्टरों को इंसुलिन थेरेपी और उसके फायदे के बारे में मरीजों को समझाना चाहिये.
आज के आधुनिक दौर में इंसुलिन थेरेपी डायबिटीज के इलाज को ज्यादा आसान, सुरक्षित और असरदार बनाता है. डॉयबिटीज पीड़ित मरीजों में इंसुलिन थेरेपी से सही समय पर इलाज करके किडनी फेल्योर, हर्ट अटैक, नर्व डैमेज और लीवर डैमेज के खतरों को बहुत हद तक कम किया जा सकता है. मरीजों में इंसुलिन के फायदे और भ्रामक तथ्यों की सही जानकारी होने पर डॉयबिटीज को कंट्रोल में रखा जा सकता है.