28.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

कलकत्ता की जेल में 29 वर्ष से सजा काट रहे कैदी के मामले में High Court का निर्देश, 45 दिनों में हो फैसला

Bengal News In Hindi: मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन व न्यायाधीश अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ में 29 साल से जेल में बंद एक कैदी के मामले पर सुनवाई हो रही थी. उसे अलग-अलग मामलों में सजा मिली है. उम्रकैद की सजा काट रहे उस बंदी ने समय से पहले रिहाई के लिए निचली अदालत में अपील की थी, जो अभियोजन पक्ष की दलील सुनने के बाद खारिज हो गयी. इस फैसले को बचाव पक्ष ने एकल पीठ में चुनौती दी. उक्त कानून के तहत यदि कोई कैदी सजा में राहत पाने की अर्जी दाखिल करता है, तो उस पर यथाशीघ्र व प्राथमिकता के आधार पर विचार होना चाहिए.

कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट ने सरकार, न्यायाधिकरणों व निचली अदालतों को आदेश दिया कि वे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत रेमिशन एप्लिकेशन यानी कैदियों के कारावास की अवधि घटाने की अर्जियों पर जल्द से जल्द फैसला करें. मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन व न्यायाधीश अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ में 29 साल से जेल में बंद एक कैदी के मामले पर सुनवाई हो रही थी.

Also Read: कोरोना की रोकथाम को लेकर दुर्गापुर में
हाई लेवल मीटिंग, 500 कोविड बेड बढ़ाने का प्रस्ताव

उसे अलग-अलग मामलों में सजा मिली है. उम्रकैद की सजा काट रहे उस बंदी ने समय से पहले रिहाई के लिए निचली अदालत में अपील की थी, जो अभियोजन पक्ष की दलील सुनने के बाद खारिज हो गयी. इस फैसले को बचाव पक्ष ने एकल पीठ में चुनौती दी. वहां यह दलील दी गयी कि मामले में सह-अभियुक्त पहले ही रिहा हो चुके हैं. पर वहां भी अपील खारिज हो गयी.

तब सजायाफ्ता कैदी अपना मामला हाइकोर्ट की खंडपीठ में ले गया. वहां सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता सीआरपीसी की धारा 432 के प्रावधान के संदर्भ में सजा की अवधि घटाने के लिए रेमिशन एप्लीकेशन फाइल करता है, तो उस पर जरूरी कार्रवाई की जाये. कोर्ट ने विशेष रूप से कहा कि सीआरपीसी की धारा 432 के तहत ऐसी अपील को लंबे समय तक टाला नहीं जा सकता. उक्त कानून के तहत यदि कोई कैदी सजा में राहत पाने की अर्जी दाखिल करता है, तो उस पर यथाशीघ्र व प्राथमिकता के आधार पर विचार होना चाहिए. कोर्ट ने संबद्ध अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उक्त कानून के तहत विधिक प्रक्रिया का पालन करें और सक्षम प्राधिकारी के माध्यम से अंतिम निर्णय लिया जाये. ऐसी अर्जी दाखिल होने की तारीख से 45 दिनों के भीतर उसका निपटारा हो.

Also Read: उत्तर 24 परगना में TMC-BJP कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट, बमबाजी में एक घायल, CRPF पर फायरिंग का आरोप

Posted By: Aditi Singh

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें