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त्रिकोणीय संघर्ष में कदों का आकलन शुरू

बजी रणभेरी. भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही सात िवधानसभा क्षेत्रों में चुनावी परिदृश्य साफ आसनसोल : भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही आसनसोल संसदीय के सभी विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी मैदान सज गया है. सभी पार्टी के प्रत्यार्शी व कार्यकत्र्ता चुनावी प्रचार में उतर गये हैं. इसके साथ ही […]

बजी रणभेरी. भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही सात िवधानसभा क्षेत्रों में चुनावी परिदृश्य साफ
आसनसोल : भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही आसनसोल संसदीय के सभी विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी मैदान सज गया है. सभी पार्टी के प्रत्यार्शी व कार्यकत्र्ता चुनावी प्रचार में उतर गये हैं.
इसके साथ ही आम जनता के बीच प्रत्याशियों का प्रारंभिक मूल्यांकन शुरू हो गया है. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के पहले से ही बड़ी राजनीतिक हस्तियों व फिल्मी शख्सियतों के चुनाव लड़ने की अटकलें लगायी जा रही थी. लेकिन तृणमूल, भाजपा व कांग्रेस -वाममोर्चा गंठबंधन ने इस मोर्चे पर मतदाताओं को निराश किया है. सभी ने स्थानीय नेताओं पर ही भरोसा किया है.
आसनसोल नॉर्थ विधानसभा
तृणमूल कांग्रेस ने श्रम मंत्री व निवर्त्तमान विधायक मलय घटक को प्रत्याशी बनाया है. जबकि भाजपा ने पूर्व जिलाध्यक्ष निर्मल कर्मकार को प्रत्याशी घोषित किया है. इधर वाममोर्चा ने यह सीट संभवत: कांग्रेस के लिए छोड़ दी है.
कांग्रेस ने आधिकारिक स्तर पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. लेकिन पिछले संसदीय चुनाव में पार्टी प्रत्याशी रही इन्द्राणी मिश्र व वरीय अधिवक्ता मुनीर बेग की मजबूत दावेदारी सामने आ रही है.
वाममोर्चा के चुनावी मैदान से बाहर रहने के कारण भाजपा, कांग्रेस व तृणमूल प्रत्याशियों के बीच ही संघर्ष की संभावना जतायी जा रही है. श्री घटक को मंत्री होने के नाते विकास कार्यो का क्रेडिट मिलेगा तो संसदीय चुनाव में मुख्य भूमिका निभानेवाले भाजपा प्रत्याशी श्री कर्मकार को उनके संपर्को का लाभ मिलेगा. स्थानीय होने तथा वामपंथी मतों का लाभ कांग्रेस प्रार्थी को मिल सकता है. कद के हिसाब से श्री घटक बढ़त लेते दिख रहे हैं.
आसनसोल साउथ में तृणमूल ने निवर्त्तमान विधायक व पूर्व मेयर तापस बनर्जी को प्रत्याशी बनाया है. उनके खिलाफ वाममोर्चा ने अधिकारिक स्तर पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है, लेकिन स्थानीय स्तर पर डीवाइएफआइ के रानीगंज जोनल अध्यक्ष हेमंत प्रभाकर ने वाममोर्चा के प्रत्याशी के रूप में प्रचार शुरू कर दिया है. कांग्रेस इस मैदान में नहीं उतरेगी.
भाजपा ने अभी तक अपना कार्ड नहीं खोला है. इस सीट पर पार्टी नेता पवन सिंह सहित कई नेताओं की दावेदारी है. यदि किसी स्थानीय नेता को टिकट मिला तो इस मैदान में कद व अनुभव के आधार पर तृणमूल प्रत्याशी श्री बनर्जी का कद बढ़त लेते दिखता है.
कुल्टी विधानसभा क्षेत्र
कुल्टी विधानसभा क्षेत्र में भी वाममोर्चा ने खुद को अलग कर लिया है. यह सीट भी कांग्रेस के पाले में हैं. यहां से पार्टी के स्थानीय पार्षद अभिजीत आचार्या की दावेदारी सबसे मजबूत है.
नगर निगम चुनाव में उन्होंने अपनी व अपनी पत्नी की सीटों पर जीत दर्ज कर अपनी राजनीतिक पक ड़का प्रदर्शन किया है. वाममोर्चा के घटक दल फॉरवर्ड ब्लॉक का सीट होने के नाते वामपंथियों को मिलनेवाला मत ही उनके भविष्य का फैसला करेगा. जबकि तृणमूल ने इलाके के हैवीवेट नेता तथा नगरपालिका अध्यक्ष रहे निवर्त्तमान विधायक उज्जवल चटर्जी को प्रत्याशी बनाया है.
भाजपा ने पेशे से चिकित्सक व जिला महासचिव डॉ अजय पोद्दार को प्रत्याशी बनाया है. उनकी सक्रियता कुल्टी क्षेत्र में काफी दिनों से रही है. तीनों को स्थानीय होने का समान रुप से लाभ मिलता दिख रहा है. लेकिन अनुभव व प्रभाव के रूप में तृणमूल प्रत्याशी श्री चटर्जी का कद अधिक मजबूत दिखता है.
बाराबनी िवधानसभा क्षेत्र
बाराबनी विधानसभा क्षेत्र में तीनों स्तर पर प्रत्याशी की घोषणा हो गयी है. तृणमूल ने निवर्त्तमान विधायक विधान उपाध्याय को प्रत्याशी बनाया है जबकि वाममोर्चा ने गणतांत्रिक महिला समिति की जुझारू नेत्री शिप्रा मुखर्जी को प्रत्याशी बनाया है.वे पंचायत समिति अध्यक्ष व जिला परिषद सदस्य रहीं है. इधर भाजपा ने अमल राय को प्रत्याशी बनाया है. भाजपा में आने से पहले वे तृणमूल के प्रखंड अध्यक्ष थे.
तत्कालीन जिलाध्यक्ष निर्मल कर्मकार ने उन्हें पार्टी में शामिल किया था. इस समय वे जिला कमेटी में उपाध्यक्ष हैं. इन तीनों के बीच अनुभव व राजनीतिक रूप से तृणमूल व माकपा प्रत्याशी का कद कमोवेश समान दिखता है. भाजपा फ्रत्याशी का कद थोड़ा छोटा है.
रानीगंज विधानसभा क्षेत्र
रानीगंज विधानसभा में भी तीनों प्रत्याशियों की घोषणा हो गयी है. तृणमूल ने निवर्त्तमान विधायक सोहराब अली की पत्नी नरगिस बानो को प्रत्याशी बनाया है. उनकी लड़ाई सोहराब ही लड़ रहे हैं. इधर माकपा ने नगरपालिका अध्यक्ष रहे जोनल कमेटी के सचिव रुणु दत्त को प्रत्याशी बनाया है.
पिछला चुनाव वे 17 सौ मतों से हारे थे. भाजपा ने मनीष शर्मा को प्रत्याशी बनाया है. वे रानीगंज भाजपा मंडल के अध्यक्ष है तथा व्यवसायी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं. प्रारंभिक आकलन में कद के हिसाब से तृणमूल व माकपा प्रत्याशी बढ़त लेते दिखते हैं.
जामुिड़या िवधानसभा क्षेत्र
जामुड़िया में भी तीनों प्रत्याशियों की घोषणा हो गयी है. माकपा ने निवर्त्तमान विधायक जहांआरा खान को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस मैदान से बाहर रहेगी. तृणमूल ने जिलाध्यक्ष वी शिवदासन उर्फ दासू को प्रत्याशी बनाया है. वे इसके पहले भी वर्ष 2006 में जामुड़िया से चुनाव लड़ चुके हैं.
उनकी लंबी विरासत है. इन दोनों के खिलाफ भाजपा ने संतोष सिंह को प्रत्याशी बनाया है. वे भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष हैं. लेकिन हाल ही में जामुड़िया में स्कूली स्टूडेंट के अपहरण, बलात्कार के बाद उसकी हत्या के मामले में सर्वाधिक मुखर रहने का क्रेडिट उनके साथ जुड़ा है.
इस मामले में उनकी सक्रियता को काफी समर्थन मिला था. साथ ही वे स्थानीय भी है. यहां भले ही उनका कद दोनों की तुलना में कम हैं, लेकिन चर्चा के आधार पर वे समान स्तर पर दिख रहे हैं.
पांडेश्वर िवस क्षेत्र
पांडेश्वर विधानसभा क्षेत्र में तीनों प्रत्याशियों की घोषणा हो गयी है. तृणमूल ने आसनसोल के मेयर जितेन्द्र तिवारी को तथा माकपा ने निवर्त्तमान विधायक गौरांगो चटर्जी को प्रत्याशी बनाया है.
इधर भाजपा ने इस क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक के सक्रिय सदस्य व पार्टी के आइटी सेल के कन्वेंनर जीतेन चटर्जी को प्रत्याशी बनाया है. इस क्षेत्र में कांग्रेस मैदान से बाहर है. कद के हिसाब से भाजपा के प्रत्याशी श्री चटर्जी पिछड़ते धिक रहे हैं. लेकिन आरएसएस की पृष्टभूमि उनका समायोजन करती दिख रही है.
फिल्मी क्रेज को लगा जर्बदस्त झटका
मतदाताओं को सर्वाधिक क्रेज भाजपा के प्रति था. उन्हें लग रहा था कि विलंब से प्रत्याशियों की सूची जारी होने से सिने अभिनेता व अभिनेत्री या कद्दावर नेता को प्रत्याशी बनाया जायेगा. संसदीय चुनाव में जिस तरह बॉलीबुड के पाश्र्वगायक बाबुल सुप्रिय को प्रत्याशी बना कर पार्टी ने मात दी थी, उसकी ही पुनरावृत्ति की संभावना जतायी जा रही थी.
आसनसोल से सिने अभिनेत्री व पार्टी की जुझारू नेत्री रूपा गांगुली, कुमार सानू, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, बाप्पी लाहिड़ी आदि के लड़ने का चर्चा थी. लेकिन किसी को भी प्रत्याशी नहीं बनाया गया. इधर तृणमूल के खाते से फिल्म अभिनेता सोहम को प्रत्याशी बनाने की बात थी. लेकिन वे बांकु ड़ा जिले के बरजोड़ा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बने. यहां भी निराशा हाथ लगी है.

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