प्रशासन की तमाम सक्रियता के बाद भी मतदाता नहीं हुए जागरूक
कुल 21 लाख मतदाताओं में से मात्र 10 फीसदी ने ही किया सत्यापन
दुर्गापूजा की छुट्टियों में भी खुले रहेंगे जिले के सभी वोटर सहायता केंद्र
आसनसोल : त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करने के उद्देश्य से केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा एक सितंबर से आरम्भ किया गया एलेक्ट्रोरल वेरीफिकेशन प्रोग्राम (ईवीपी) के प्रति लोगों में जागरूकता न होने के कारण जिले में कुल 21 लाख मतदाताओं में से सिर्फ सवा दो लाख मतदाता ही अब तक कार्यक्रम में अपनी भागीदारी निभाई है. जिलाशासक शशांक सेठी ने बताया कि घर बैठे अपने मोबाइल फोन से भी इस कार्यक्रम में अपना नाम वेरीफिकेशन कराया जा सकता है.
यदि अपने मतदाता पहचान पत्र में कोई भी बदलाव करना है तो उसे कर सकते है. यदि सबकुछ सही है तो भी वेरीफिकेशन में ओके करना पड़ेगा. यदि किसी के पास एनरोएड मोबाइल फोन नहीं है तो वे सरकारी वोटर सहायता केंद्र में या किसी कम्प्यूटर सेंटर में जाकर वेरीफिकेशन कर सकते हैं. जिलास्तर पर इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. 15 अक्तूबर वेरीफिकेशन की अंतिम तारीख है. उन्होंने कहा कि इसके साथ एनआरसी का कोई संबंध नहीं है.
उन्होंने कहा कि मतदाता पहचान पत्र के साथ एक कोई भी पहचान पत्र पोर्टल में अपलोड करना होगा. मोबाइल फोन या कम्यूटर में नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल (एनवीपीएस) में जाकर यह प्रक्रिया कुछ ही मिनटों में पूरी की जा सकती है. इसके जरिये नये नाम भी चढ़ाये जा सकते है.
सूत्रों के अनुसार वेरिफिकेशन न करने पर मतदाता सूची से नाम भी कट सकता है. उन्होंने कहा कि जिले की अनेकों क्लब, राजनैतिक पार्टी, सामाजिक संगठनें इस कार्य में बढ़ चढ़कर भूमिका निभा रही है. यह संगठनें विभिन्न जगहों पर शिविर लगाकर भी ईवीपी का कार्य कर रही है. चुनाव आयोग के निर्देश पर वोटर सहायता केंद्र इस कार्य के लिए पूजा की छुट्टियों में भी खुले रहेंगे. इसके लिए आदेश जारी किया गया है.