-विकास गुप्ता-
कोलकाताः जेल में बंद माओवादियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है. लालगढ़ मामले में जनसाधारण कमेटी के नेता छत्रधर महतो को आजीवन कारावास की सजा सुनाये जाने से नाराज अलीपुर प्रेसिडेंसी जेल में बंद 12 से ज्यादा माओवादियों ने अनशन शुरू कर दिया है.
गौरतलब है कि मंगलवार को मेदिनीपुर जिला अदालत ने लालगढ़ में देश विरोध गतिविधियां चलाने के मामले में छत्रधर महतो और पांच अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. अलीपुर प्रेसिडेंसी जेल सूत्रों के मुताबिक, महतो को सजा सुनाये जाने के बाद जेल में बंद 12 माओवादियों ने अनशन शुरू कर दिया.
उनका कहना है कि अदालत को इस फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए. साथ ही इन माओवादियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कड़ा संदेश दिया. अनशनकारी कैदियों का कहना है कि जब राज्य से वाम मोरचा सरकार को उखाड़ फेंकने की जरूरत थी, उस समय ममता ने कई बार उनकी कमेटी के नेताओं के साथ बैठक कर रणनीति तैयार की थी.
अब काम निकल जाने के बाद उनके नेता को जेल भेज दिया गया. इसमें ममता का सबसे बड़ा हाथ है, इसके कारण उन्हें गंभीर परिणाम भुगतना होगा. हालांकि इस मामले में जेल अधिकारी कैदियों के अनशन की बात को मानने के लिए तैयार नहीं है.
दूसरी तरफ, जेल सूत्रों की माने तो सजा काट रहे माओवादी क्रियाकलाप से जुड़े कैदियों को लेकर जेल अधिकारी भी सकते में हैं. उनसे लगातार बातचीत कर अनशन वापस लेने का आग्रह किया जा रहा है. गौरतलब है कि लालगढ़ मामले में मेदिनीपुर जिला अदालत ने मंगलवार को माओवादी नेता छत्रधर महतो सहित छह लोगों को उम्रकैद की सजा सुनायी.
छत्रधर महतो, शांतनु सोरेन, सुखशांति बास्के तथा शोभन मुमरू को यूएपीए (अनलॉफुल एक्टिविटिज प्रिवेंशन एक्ट) और देशद्रोह के तहत तथा राजा सरखेल और प्रसून चटर्जी को देशद्रोह के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. मेदिनीपुर जिला अदालत की अतिरिक्त जज कावेरी बसु ने चारों को सोमवार को दोषी करार दिया था.