कोलकाता: विधानसभा चुनाव के बाद पंचायत चुनाव में भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस भारी जीत की ओर बढ़ रही है. राज्य के 17 जिलों में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 13 जिलों में तृणमूल कांग्रेस, दो में वाममोरचा व एक जिले में कांग्रेस को बढ़त मिली है. सोमवार सुबह शुरू हुई मतगणना देर रात तक जारी थी. आखिरी समाचार देने तक बांकुड़ा, बर्दवान, वीरभूम, कूचबिहार, पूर्व मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा, नदिया, उत्तर 24 परगना, पुरुलिया, दक्षिण 24 परगना, दक्षिण दिनाजपुर व पश्चिम मेदिनीपुर में तृणमूल कांग्रेस आगे चल रही थी, जबकि जलपाईगुड़ी व उत्तर दिनाजपुर में वाममोरचा को बढ़त मिली है. मुर्शिदाबाद में कांग्रेस आगे है. मालदा में त्रिशंकु की स्थिति है. केंद्रीय रेल राज्यमंत्री अधीर चौधरी के प्रभाव वाले मुर्शिदाबाद जिले में कांग्रेस की पकड़ बरकरार है. हालांकि कांग्रेस को वाममोरचा से कड़ी चुनौती मिल रही है. दाजिर्लिंग में गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) का गठन होने के कारण वहां पंचायत चुनाव नहीं हुआ. कोलकाता में नगर निगम है.
329 केंद्रों पर शुरू हुई मतगणना
राज्य के 17 जिलों के 329 मतगणना केंद्रों पर सोमवार को वोटों की गिनती शुरू हुई. 90 हजार महिला उम्मीदवारों समेत 1.69 लाख प्रत्याशियों की किस्मत का पिटारा सुबह खुला. तृणमूल कांग्रेस 6000 ग्राम पंचायत और पंचायत समिति निर्विरोध जीत चुकी है. वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में मुंह की खानेवाले वाम मोरचा के लिए यह चुनाव दमदार प्रदर्शन के लिए एक मौका समझा जा रहा था, लेकिन चुनाव परिणाम उसके पक्ष में होता नहीं दिख रहा है. उसको करारा झटका लगा है. अभी 13 जिलों पर वाम मोरचा का कब्जा था.
पूर्व मेदिनीपुर व दक्षिण 24 परगना में तृणमूल कांग्रेस और उत्तर दिनाजपुर तथा मालदा में कांग्रेस काबिज थी. इस बार पंचायत चुनाव में पासा पलट गया है. 13 जिलों में तृणमूल काबिज होती नजर आ रही है, जबकि मतगणना के रुझान से लगता है कि वाम मोरचा को दो जिलों और कांग्रेस को एक जिले से ही संतोष करना पड़ेगा.
खबर देने तक कुल 3215 ग्राम पंचायतों में तृणमूल कांग्रेस 1516 में जीत हासिल कर चुकी थी. वाममोरचा को 646 और कांग्रेस को 245 ग्राम पंचायतों में सफलता मिली है. भाजपा ने 6 व अन्य ने 23 ग्राम पंचायतों पर कब्जा जमाया है. 329 पंचायत समिति में तृणमूल को 163, वाम मोरचा को 38 और कांग्रेस को 9 में सफलता मिली है. जिला परिषद की कुल 825 सीटों में खबर देने तक 90 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस को सफलता मिली है. जबिक वाम मोरचा को महज एक सीट मिली है. भाजपा और अन्य को अभी तक कोई सीट नहीं मिली है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पांच चरणों में हुए चुनाव
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य में पांच चरणों में 11, 15, 19,22 व 25 जुलाई को पंचायत चुनाव हुए. ग्राम पंचायत की कुल 48800 सीटों, पंचायत समिति की 9240 सीटों तथा जिला परिषद की 825 सीटों के लिए चुनाव हुआ है. राज्य की चुनाव आयुक्त मीरा पांडेय ने बताया कि सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना शुरू हुई. जिला प्रशासन ने सभी मतगणना केंद्रों पर 144 धारा लगा दी थी. सभी मतगणना केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं तथा वीडियो रिकार्डिग की जा रही है. अंतिम नतीजे मंगलवार तक आ जाने की संभावना है.
20 लोगों की गयी जानें
राज्य में पांच चरण में हुए पंचायत चुनाव में हिंसा में 20 लोग मारे गये. इस चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग और राज्य सरकार के बीच गहरा टकराव पैदा हो गया और दोनों एक दूसरे के खिलाफ अदालत चले गये.
किसने क्या कहा
पंचायत चुनाव में जीत, मां-माटी-मानुष की जीत है. सरकार को बदनाम करने के लिए विरोधी पार्टियों ने षड्यंत्र किया था. उनके सभी मनसूबों पर जनता ने पानी फेर दिया.
जनता झूठ बरदाश्त नहीं करती है. ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री
2013 का पंचायत चुनाव का परिणाम 1972 की पुनरावृत्ति है. इस पंचायत चुनाव में लोकतांत्रिक नियमों को नहीं माना गया. जबरन बूथों को दखल किया गया है. मतदान केंद्र पर जबरदस्त धांधली हुई है.
बिमान बसु, वाम मोरचा चेयरमैन