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दुर्गापुर : मेयर परिषद सदस्य राखी तिवारी पर जानलेवा हमला, पिस्टल सटाया कनपट्टी पर, हत्या की धमकी

दुर्गापुर : दुर्गापुर नगर निगम की मेयर परिषद सदस्य (हेल्थ) सह 14 नंबर वार्ड की पार्षद राखी तिवारी पर शुक्रवार की सुबह बेनाचिटी के देशबंधु नगर निवासी पवन प्रधान उर्फ शशांक प्रधान ने जानलेवा हमला कर दिया. जिसमें वह घायल हो गईं. उनके हाथ एवं शरीर में कई जगह चोटें आई हैं. इलाज के लिए […]

दुर्गापुर : दुर्गापुर नगर निगम की मेयर परिषद सदस्य (हेल्थ) सह 14 नंबर वार्ड की पार्षद राखी तिवारी पर शुक्रवार की सुबह बेनाचिटी के देशबंधु नगर निवासी पवन प्रधान उर्फ शशांक प्रधान ने जानलेवा हमला कर दिया.
जिसमें वह घायल हो गईं. उनके हाथ एवं शरीर में कई जगह चोटें आई हैं. इलाज के लिए उन्हें विधान नगर स्थित महकमा अस्पताल भेजा गया.
पवन केबल ऑपरेटर के व्यवसाय से जुड़ा है. स्थानीय लोगों ने हमलावर पवन की जम कर पिटाई की तथा स्थानीय थाना पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने उसके पास से एक पिस्तौल, एक पाइपगन एवं सात कारतूस बरामद किया. पुलिस उपायुक्त (ईस्ट) अभिषेक मोदी ने कहा कि हमले के कारणों की जांच की जा रही है. उसे शनिवार को दुर्गापुर महकमा कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जायेगा.
हमलावर पवन एमएमआइसी श्रीमती तिवारी के पति कौशिक तिवारी उर्फ राखू से मिलने के लिए सुबह आठ बजे नतूनपल्ली स्थित उनके आवास पहुंचा. उसने गेट से ही बाहर निकलने की आवाज लगाई.
राखु के बजाय उनकी पत्नी श्रीमती तिवारी बाहर निकली और बताया कि पति बाजार गये हैं. पवन ने राखी को ट्रेड लाइसेंस संबंधित फॉर्म पर हस्ताक्षर करने को कहा.
श्रीमती तिवारी ने लाइसेंस संबंधित कार्य पार्टी ऑफिस अथवा नगर निगम कार्यालय में कराने को कहा. उत्तेजित पवन ने रिवाल्वर निकालकर उनकी कनपट्टी से सटा दी एवं उनके साथ मारपीट की. इसके बाद हत्या की धमकी देते हुए उन्हें घर के भीतर ले जाने लगा.
श्रीमती तिवारी शोर मचाने लगी और नीचे गिर गई. शोरगुल सुनकर पड़ोसन सांत्वना धीवर, उनका बेटा विधान तथा स्थानीय निवासी जमा हो गये. उन्होंने पवन को पकड़ लिया. इसके बाद उसकी पिटाई शुरू हो गई. बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया गया.
एमएमआईसी श्रीमती तिवारी ने कहा कि वे स्वयं भी जानलेवा हमले का कारण समझ नहीं पा रही हैं. इसका कारण राजनीतिक भी हो सकता है. वे महिला तृणमूल की स्थानीय शाखा का अध्यक्ष भी हैं.
दो दिन बाद ही महिला मोर्चा की भाजपा के खिलाफ सभा है.
घटना संभवत: भाजपा नेताओं के इशारे पर की गई है. भाजपा नेता जय बनर्जी ने सिटी सेंटर के धरना के दौरान ‘मार का बदला मार’ करने को कहा था.
भाजपा जिलाध्यक्ष लखन घुरई ने कहा कि एमएमआईसी पर हुए हमला के पीछे भाजपा की कोई संलिप्तता नहीं है. तृणमूल की आपसी गुटबाजी के कारण ही उन पर हमला किया गया है. प्रशासन को इस मामले में निष्पक्ष जांच करनी चाहिए.
हमले की घटना में भाजपा का कोई भी कर्मी शामिल है तो उसे सामने लाया जाये. डीसीपी (ईस्ट) श्री मोदी ने कहा कि हमलावर पवन केबल के व्यवसाय से जुड़ा है. उसका पार्टनर गोविंद घोष है. उसे भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है. हमला के कारणों की जांच की जा रही है.
स्थानीय निवासियों ने पकड़ कर की पिटाई, सौंपा स्थानीय पुलिस को पिस्टल, पाइपगन, सात कारतूस बरामद किया पुलिस ने तलाशी में
हमले के कारण को लेकर चर्चा तेज
एमएमआईसी श्रीमती तिवारी पर केबल ऑपरेटर पवन प्रधान के जानलेवा हमले के कारणों को लेकर चर्चा तेज है. दिनदहाड़े उनके घर में घुसकर हत्या करने का प्रयास करने का दुस्साहस सामान्य कारणों से नहीं हो सकता है.
इसका कारण राजनीतिक है या व्यवसायिक, हर कोई अपने-अपने स्तर से आकलन कर रहा है. श्रीमती तिवारी के पति कौशिक तिवारी उर्फ राखू ने तृणमूल के सत्ता में आने के बाद ही वार्ड के केबल व्यवसाय पर आधिपत्य जमा लिया था. माकपा समर्थक केबल व्यवसायी गोविंद घोष का पहले वर्चस्व था.
जिस कारण राखू के साथ गोविंद का विवाद चल रहा था. इसके समाधान के लिए केबल ऑपरेटर एसोसिएशन ने कई बार प्रयास भी किया था. लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया. दावा है कि इसी विवाद को लेकर गोविंद के सहयोगी पवन ने जानलेवा हमला किया.
राखू के घर में ना होने के कारण श्रीमती तिवारी के साथ उसका विवाद हो गया. हालांकि तृणमूल वार्ड सचिव राजू सिंह तथा राखू ने इसे केबल व्यवसाय विवाद मानने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इसका कारण राजनीतिक है. विवाद वर्ष 2011 का है, तो सात वर्षों बाद हमले का क्या औचित्य है?

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