लखनऊ : शिक्षा परिषद के 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया अभी अधर में लटकी हुई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी इस परीक्षा को लेकर कई याचिकाएं दाखिल की गयी हैं, इसके बावजूद शिक्षकों के 69000 नये पदों के लिए राज्य सरकार ने आज से ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं. प्रदेश सरकार ने करीब छह माह पहले बेसिक शिक्षा में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी जो विवादों में फंस कर रह गयी है.
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इस परीक्षा में टॉप करने वाले दर्जनभर अभ्यर्थी परीक्षा को निरस्त कराने के लिए हाईकोर्ट लखनऊ और इलाहाबाद का महीनों से चक्कर लगा रहे हैं, जबकि वहीं दूसरी ओर इस मामले को लेकर 800 से अधिक याचिकाएं हाईकोर्ट में लंबित हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने पूरी भर्ती की जांच करने एवं अफसरों की भूमिका की उच्च स्तरीय जांच के लिए सीबीआई से जांच की संस्तुति की है.
इस शिक्षक भर्ती में करीब 37 हजार अभ्यर्थियों ने नियुक्ति पत्र प्राप्त कर नौकरी शुरू कर दी है. जबकि, हाईकोर्टने शेष रिक्त पदों पर भर्ती पर रोक लगा दी है. भर्ती में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी के लिए तत्कालीन सचिव परीक्षा नियामक एस सिंह निलंबित कर दी गयी थीं जबकि तत्कालीन सचिव बेसिक शिक्षा संजय सिन्हा से बेसिक का प्रभार सरकार ने वापस ले लिया था. इसके बाद भी कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है.
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हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने शिक्षक भर्ती मामले की जांच करने वाली शासन की समिति पर भी सवाल उठाये थे. सबसे बड़ी बात यह है कि जिन अभ्यर्थियों ने सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 68500 में टॉप किया था. वह आज भी नौकरी के लिए हाईकोर्ट का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन शिक्षा विभाग के अफसर मामले के कोर्ट में होने एवं सीबीआई जांच की बात करते हुए नियुक्ति पत्र नहीं दे रहे हैं.