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Bikru Case: खुशी दुबे ने 30 महीने बाद खुली हवा में ली सांस, जेल से हुई रिहाई, रोते हुए बहन को लगाया गले

Bikru Case: बिकरु कांड में आरोपित खुशी दुबे की जेल से आज तीस महीने के बाद रिहाई हो गई है. शनिवार की देर शाम को उसकी रिहाई का परवाना (लिखित आदेश) जेल पहुंचा. रिहाई प्रक्रिया को पूरा करने के बाद वह माती जेल से बाहर आईं, जहां खुशी को लेने के लिए मां, बहन और पिता कानपुर देहात जेल पहुंचे.

Bikru Case: बिकरु कांड में आरोपित खुशी दुबे की जेल से आज तीस महीने के बाद रिहाई हो गई है. शनिवार की देर शाम को उसकी रिहाई का परवाना (लिखित आदेश) जेल पहुंचा. रिहाई प्रक्रिया को पूरा करने के बाद वह माती जेल से बाहर आईं, जहां खुशी को लेने के लिए मां, बहन और पिता कानपुर देहात जेल पहुंचे. जेल से रोते हुए खुशी ने आभार व्यक्त किया. जेल से रिहाई हो जाने के बाद खुशी अपने पनकी स्थित निवास जाएंगी. खुशी की रिहाई से परिजन भी बेहद खुश हैं.

समय लगा लेकिन न्याय मिला

खुशी दुबे की शाम को 7 बजकर 25 मिनट पर जेल से रिहाई हो गई हैं. परिजन बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि मामले में समय जरूर लगा लेकिन न्याय मिला है. बता दें कि 29 जून 2020 को खुशी की शादी गैंगस्टर विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे से हुई थी. शादी का कार्यक्रम बिकरु गांव में हुआ था. बताते चलें कि खुशी दुबे पर 2-3 जुलाई 2020 को हुए बिकरु कांड के मामले में 17 धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.

खुशी दुबे पर इन मामले में चल रहा केस

खुशी दुबे पर फर्जी सिम इस्तेमाल करना और बिकरु हत्याकांड का आरोप है. फर्जी सिम का मामला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में चल रहा है, जबकि मुख्य मामला सेशन कोर्ट में विचाराधीन है. सिम मामलें में किशोर न्याय बोर्ड से जमानत प्रक्रिया पूरी होने के बाद शुक्रवार को परवाना (लिखित आख्या) जेल भेज दी है, जबकि मुख्य मामले में शुक्रवार की देर शाम को रजिस्ट्रार कार्यालय सत्यापन रिपोर्ट पहुंची.

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रोते हुए व्यक्त किया आभार

खुशी दुबे पर लगे फर्जी सिम इस्तेमाल करने के मामले में जमानती को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था. जिसके बाद किशोर न्याय बोर्ड(जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड) से परवाना जेल भेज दिया गया था. मुख्य मामले में रजिस्ट्री कार्यालय से सत्यापन प्रक्रिया की रिपोर्ट अधूरी आई थी, जिसके कारण परवाना जारी नहीं हो सकता था. शनिवार को रिपोर्ट पूर्ण होने पर सत्यापित करके के रिहाई के आदेश जारी हुआ. जिसके बाद लिखित आख्या(परवाना) कोर्ट भेजी गई. जेल में रिहाई प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसे जेल से रिहा किया गया. खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित का कहना है कि शुक्रवार को जेल में दोपहर करीब 3:20 बजे मिला था. उसका हालचाल लेने के बाद कोर्ट की प्रक्रिया को उसे बताया था. उसने रोते हुए आभार व्यक्त किया.

रिपोर्टः आयुष तिवारी

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