लखनऊ : उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित कादलपुर गांव में एक मस्जिद की दीवार गिराने के आरोप में निलंबित की गयी उपजिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल के खिलाफ कार्रवाई वापस लेने की पुरजोर मांगों के बीच कादलपुर के प्रधान ने आरोप लगाया है कि इस अफसर ने खुद पहुंचकर उस इबादतगाह की दीवार गिरवाई थी और उससे सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने का खतरा पैदा हो गया था.
कादलपुर के ग्राम प्रधान मोहम्मद शफीक ने टेलीफोन पर बातचीत में बताया कि उपजिलाधिकारी दुर्गाशक्ति ने उनकी लाख मिन्नतों के बावजूद खुद बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ पहुंचकर इबादतगाह की दीवार गिरवायी थी.
उन्होंने बताया कि गांव में करीब एक साल तक चंदा इकट्ठा करने के बाद परती की जमीन पर बन रही मस्जिद के निर्माण को लेकर कहीं कोई विवाद नहीं था और उसकी 10-10 फुट की चहारदीवारी भी उठा दी गयी थी. हालांकि इसके लिए प्रशासन से अनुमति नहीं ली गयी थी. बहरहाल, रमजान के मौके पर उसमें हर शाम तरावीह की नमाज पढ़ी जा रही थी.
शफीक ने बताया छब्बीस जुलाई की रात को रबुपुरा के थानाध्यक्ष अजय पाल ने पहुंचकर मस्जिद में अजान और नमाज के लिए लगाया गया लाउडस्पीकर हटाने की हिदायत देते हुए कहा था कि मस्जिद का निर्माण अवैध है और इसे गिराया जायेगा. ग्राम प्रधान के मुताबिक उन्होंने थानाध्यक्ष से पूछा कि क्या किसी ने इसकी शिकायत की है. इस पर उसने कहा था कि प्रशासन की बैठक में अफसरों से पूछा गया था कि कहीं कोई अवैध निर्माण कार्य तो नहीं हो रहा है. इस पर उसने कादलपुर में निर्माणाधीन मस्जिद का नाम लिया था.
शफीक ने बताया कि 27 जुलाई की सुबह उपजिलाधिकारी दुर्गाशक्ति, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पुलिस क्षेत्राधिकारी, थानाध्यक्ष तथा बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और अवैध निर्माण गिराने की बात कही.