लखनऊ: कुछ दिन पहले खबर आयी थी कि 89 साल के एनडी तिवारी ने 67 वर्षीय उज्ज्वला शर्मा से शादी कर ली है. इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है. एक अखबार ने तिवारी के स्टॉफ के हवाले से यह खबर दी है कि एनडी तिवारी को तो मालूम ही नहीं था कि उनकी शादी हो रही है.
तिवारी की संपत्ति हड़पने के लिए उनकी धोखे से शादी करवायी गयी. तिवारी के स्टॉफ के सदस्यों का कहना है कि तिवारी को यह मालूम ही नहीं था कि शादी का समारोह है. उन्होंने सोचा था कि सामान्य पूजा है. इसलिए उन्होंने वही किया जो पंडित ने करने को कहा. उज्ज्वला शर्मा शादी के समारोह के दौरान फोटोग्राफ लेने पर जोर दे रही थीं. वह 67 साल की उम्र में दुल्हन बनने के विचार से निश्चित रूप से असहज नहीं थी. हमें पूरा संदेह है कि ये शादी तिवारी की संपत्ति हड़पने के लिए करायी गयी है.
तिवारी की शादी उनके मॉल एवेन्यू स्थित बंगले पर हुई थी. शादी के बाद उज्ज्वला शर्मा ने मीडिया को बुलाया और दावा किया कि तिवारी ने आखिरकार उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया है. बुद्ध पूर्णिमा को शादी का विचार तिवारी का ही था. वह जल्द ही रिसेप्शन देंगी. इसके बाद तिवारी को हनीमून पर ले जायेंगी. उज्ज्वला ने यह भी दावा किया था कि दोनों अपनी शादी को रजिस्टर्ड भी करायेंगे. उधर, तिवारी के पीआरओ राजेश का कहना है कि बुजुर्ग नेता ने अचानक उन्हें बुधवार शाम पंडित की व्यवस्था करने के लिए कहा. एक घंटे में ही शादी की सारी तैयारियां हो गयीं. उज्ज्वला शर्मा के रिश्तेदार और तिवारी के स्टॉफ के सदस्य ही इस शादी के गवाह थे. तिवारी के विश्वस्त करीबी और ओएसडी भवानी भट्ट को उज्ज्वला शर्मा ने दो हफ्ते पहले ही तिवारी के घर से निकलवा दिया था. पुलिस की मदद से उज्ज्वला तिवारी के घर में जबरन घुस गयी थीं.
तिवारी और उज्ज्वला शर्मा का रिश्ता सालों से विवादों में था. शर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री शेर सिंह की बेटी हैं. तिवारी और शर्मा ने अपने विवाहेत्तर संबंधों को लोगों से छिपाये रखा. रोहित शेखर का जन्म 1978 में हुआ था. 2008 में यह मामला उस वक्त लोगों के सामने आया जब रोहित शेखर ने कोर्ट में दावा किया है कि वह एनडीए तिवारी का पुत्र है. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद तिवारी ने फरवरी में रोहित शेखर को अपने पुत्र के रूप में स्वीकार कर लिया. एनडी तिवारी का जन्म 1925 में नैनीताल में हुआ था. तिवारी तीन बार 1976, 1984 और 1988 में यूपी के मुख्यमंत्री बने. 2002 में वे उत्तराखंड के भी मुख्यमंत्री बने थे. बाद में उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया लेकिन सेक्स स्कैंडल के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.