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करोड़पति बनने का सपना लेकर घर से भागे तीनों किशोर लखनऊ के चारबाग स्टेशन से हुए बरामद

घर से करोड़पति बनने का सपना लेकर घर से निकले छात्रों को एसआइटी ने लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन से बरामद कर लिया. तीनों छात्र राजस्थान के कोटा भागने की फिराक में थे.

कुचायकोट. घर से करोड़पति बनने का सपना लेकर घर से निकले छात्रों को एसआइटी ने लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन से बरामद कर लिया. तीनों छात्र राजस्थान के कोटा भागने की फिराक में थे. ट्रेन का टिकट भी ले चुके थे. चौंकाने वाली बात यह है कि तीनों छात्रों ने अपने नाम को बदल लिया था. दीपांशु ने अपना नाम सुधांशु अग्रवाल, अनिक पांडेय ने अपना नाम अनूप अग्रवाल व आदर्श कुमार ने अपना नाम आर्यन अग्रवाल रख लिया था. इससे लखनऊ रेल पुलिस भी गच्चा खा गयी थी. इस बीच पुलिस कप्तान स्वर्ण प्रभात के द्वारा गठित एसआइटी कुचायकोट थाने के थानेदार सुनील कुमार के नेतृत्व में लखनऊ पहुंच गयी. उसके बाद तीनों को पुरानी तस्वीर के आधार पर बरामद कर लिया. पकड़े जाने के बाद पुलिस को दीपांशु ने बताया कि पापा के द्वारा डांटने के बाद नाराज होकर घर छोड़कर तीनों भाग निकले थे. छात्रों की कहानी को भी पुलिस जांचने में जुटी है. छात्रों के पास से पुलिस ने तीन पॉकेट डायरी बरामद की है. डायरी में उनके सीक्रेट प्लान सामने आये हैं. उनकी योजना भी सामने आ चुकी है. डायरी के सीक्रेट मिशन को खंगालने में पुलिस जुटी है. पुलिस कप्तानगंज रेलवे स्टेशन से लेकर गोंडा, लखनऊ के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को भी खंगाल रही थी. पुलिस मोबाइल के लोकेशन के आधार पर छात्रों तक पहुंची. हालांकि छात्रों के पास का मोबाइल पुलिस को नहीं मिला है. एक-एक छात्र ने पांच-छह इमेल बना रखे थे. नाम बदल कर अग्रवाल बनकर कोटा में अपना काम शुरू करना था. छात्रों से पुलिस जानकारी हासिल करने में जुटी है. घर से कोचिंग पढ़ने की बात कह कर निकले तीनों छात्रों सोमवार से लापता थे. पुलिस ने जब कांड की जांच शुरू की, तो चौंकाने वाले इनपुट सामने आये. मोबाइल, लैपटॉप के डेटा से लेकर उनके पास से बरामद विदेशी रॉबर्ट ग्रीन की लिखी किताब शक्ति के 48 सूत्र दुनिया पर राज कैसे करें को पढ़ने के बाद एक कॉपी पर कुछ रूट चार्ट भी मिले. पुलिस की टीम सब इंस्पेक्टर विकास कुमार के नेतृत्व में गोरखपुर पहुंच कर कॉपी के हिसाब से उनके नेटवर्क को खंगाला. वहां ट्रेस नहीं मिलने पर कप्तानगंज रेलवे स्टेशन पर पहुंची. फिर जीआरपी से भी तस्वीर देकर सहयोग की अपील की. गोंडा, बस्ती और बाद में लखनऊ पहुंची, तो छात्रों को पकड़ा गया. हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस के दबाव पर तीनों छात्र रात में ही घर आ गये थे.

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