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20-25 वर्षों की सेवा कर पेंशन से वंचित कई सेवानिवृत्त कर्मचारी

गांधी घाट पर केयू सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ की बैठक कुलपति से मिलने का निर्णय जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों से सेवानिवृत्त ऐसे कई शिक्षकेतर कर्मचारी हैं, जो 20-25 वर्षों की सेवा के बाद भी पेंशन व सेवानिवृत्ति के लाभ से वंचित हैं. पेंशन के अभाव में उनकी माली हालत दयनीय हो चुकी है. […]

गांधी घाट पर केयू सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ की बैठक

कुलपति से मिलने का निर्णय
जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों से सेवानिवृत्त ऐसे कई शिक्षकेतर कर्मचारी हैं, जो 20-25 वर्षों की सेवा के बाद भी पेंशन व सेवानिवृत्ति के लाभ से वंचित हैं. पेंशन के अभाव में उनकी माली हालत दयनीय हो चुकी है. इस समस्या को लेकर कोल्हान विश्वविद्यालय सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ की एक बैठक रविवार को गांधी घाट पर हुई. बैठक में समस्या पर चिंता व गहनता से चर्चा की गयी. साथ ही समस्या के समाधान के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति से मिल कर ज्ञापन सौंपने व यथोचित कदम उठाने की मांग करने का निर्णय लिया गया.
बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष गोरा कुमार बोस ने की. वहीं उपाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार पांडेय व महासचिव केशव कुमार ने उक्त समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की. बैठक में सरायकेला से आये रामचंद्र प्रसाद, चांडिल के डीएन किशोर, हरिपद महतो, बहरागोड़ा के शिवपूजन शर्मा, जमशेदपुर के चांद गोविंद सिंह, रामकिशोर सिंह, मंजू बाला शरण, हराधन, जीपी गोराई समेत पूरे कोल्हान के विभिन्न हिस्सों से आये सेवानिवृत्त कर्मचारी उपस्थित थे.
सेवा काल में वेतन मिला, फिर सेवानिवृत्ति का लाभ क्यों नहीं. बैठक में वक्ताओं ने कहा कि वर्षों के सेवाकाल में कर्मचारियों को नियमित वेतन भुगतान किया गया. महंगाई भत्ता आदि का लाभ भी दिया गया. फिर सेवानिवृत्ति के लाभ व पेंशन से वंचित क्यों किया जा रहा है. वक्ताओं के अनुसार आम तौर पर यह कहा जा रहा है
कि कॉलेजों में पद के अभाव में कर्मचारियों का वेतन निर्धारण नहीं हो सका है. इस कारण सेवानिवृत्ति का लाभ व पेंशन का भुगतान नहीं हो रहा है. लेकिन सेवाकाल के दौरान वेतन भुगतान आदि को लेकर संबंधित लोगों से इस पर सवाल क्यों नहीं किया गया.

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