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श्मशान में नहीं दफनाने दिया शव
हाटगम्हरिया : सरना धर्म छोड़ने पर समाज से बहिष्कृत परिवार को मिली सजा चाईबासा : हाटगम्हरिया थाना अंतर्गत कुईड़ा में मंगलवार को सरना धर्म छोड़ने के कारण सामाज से बहिष्कृत किये गये रमेश बिरूवा का शव आदिवासी रीति-रिवाज से आदिवासियों के श्मशान स्थल पर दफनाने नहीं दिया गया. आदिवासी हो समाज युवा महासभा के नेतृत्व […]
हाटगम्हरिया : सरना धर्म छोड़ने पर समाज से बहिष्कृत परिवार को मिली सजा
चाईबासा : हाटगम्हरिया थाना अंतर्गत कुईड़ा में मंगलवार को सरना धर्म छोड़ने के कारण सामाज से बहिष्कृत किये गये रमेश बिरूवा का शव आदिवासी रीति-रिवाज से आदिवासियों के श्मशान स्थल पर दफनाने नहीं दिया गया.
आदिवासी हो समाज युवा महासभा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने इसका विरोध किया. केवल इतना ही नहीं शव को दफनाने के लिए दूसरे मौजा से आये एक समुदाय विशेष के लोगों को ग्रामीणों तथा युवा महासभा के लोगों ने रात के नौ बजे तक घेरकर रखा. सूचना पाकर थाना प्रभारी, बीडीओ, अंचल निरीक्षक, मानकी व मुखिया घटनास्थल पहुंचे थे.
लेकिन समाज की एकता और भारी विरोध के बीच प्रशासन मूक दर्शक की भूमिका में ही रह गया. बाद में प्रशासन की उपस्थित में परिजनों ने रमेश का शव उसके चाचा सचिन बिरूवा के आंगन में दफना दिया.
आदिवासी हो समाज युवा महासभा के केंद्रीय सदस्य गब्बर सिंह हेंब्रोम ने कहा कि दो दिन पहले रमेश के परिवार से ग्राम सभा में सरना धर्म में शामिल होने का निवेदन किया गया था. प्रस्ताव ठुकराने पर परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया गया है.
गुजरात में काम करने वाले रमेश बिरूवा की मौत ट्रेन में गांव लौटने के क्रम में हो गयी थी. परिवार वाले उसके शव को आदिवासियों के श्मशाम में दफनाना करना चाहते थे.
जिसका हमने विरोध किया. मौके पर भूषण पाट पिंगुवा, इपल सामड, गब्बरसिंह हेंब्रोम, सुरा बिरुली, रोशन गागराई, गलाय चातोम्बा, प्रधझान बानसिंह, दिनेश सिंकु, हरिचरण बिरूवा, सुनिल बिरूवा, गरदी पूर्ति, महोन चातोम्बा, मुंडा युदुनाथ बिरूवा, मुंडा गोपाल हेंब्रोम, अनिता चातोम्बा, सतीश हेंब्रोम, सोमा बिरूवा, सोनाराम बिरूवा अदि उपस्थित थे.
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