छाता मेला में दिखी आस्था व संताली संस्कृति

नगर पंचायत क्षेत्र के पतना चौक स्थित छाता डंगाल मैदान में मंगलवार को छाता मेला आयोजन धूमधाम से किया गया. प्रत्येक वर्ष जिउतिया के बाद लगने वाला मेला करीब सौ वर्षों से आयोजित हो रहा है

By ABDHESH SINGH | September 16, 2025 8:51 PM

बरहरवा. नगर पंचायत क्षेत्र के पतना चौक स्थित छाता डंगाल मैदान में मंगलवार को छाता मेला आयोजन धूमधाम से किया गया. प्रत्येक वर्ष जिउतिया के बाद लगने वाला मेला करीब सौ वर्षों से आयोजित हो रहा है. जिसमें आदिवासी समाज की आस्था, संस्कृति और परपंराओं की झलक देखने को मिलती है. भगवान सूर्य की उपासना को समर्पित इस अनोखे पर्व में बांस से बने छाता का विशेष महत्व है. यह छाता सूर्य की दिशा के अनुरूप गतिशील रहता है, जो प्राचीन काल में धूप घड़ी के आधार पर समय के महत्व को दर्शाता है. मेले में परंपरागत पूजा-अर्चना स्थानीय पुजारी द्वारा की जाती है. मेले में दुलमपुर, सीतापहाड़, धरमपुर, गढ़ग्राम, बरमसिया, आमडंडा पहाड़, बिशनपुर, चापांडे, बटाइल सहित आस-पास के दर्जनों गांवों के ग्रामीण पहुंचते हैं. इस वर्ष मेला परिसर में लगे रंग-बिरंगे खिलौनों, मनिहारी की दुकानों, गोलगप्पे और मिठाई के स्टॉल आकर्षण का केंद्र बने रहे. इस दौरान महिलाएं, बच्चे और युवाओं ने जमकर खरीदारी की और लुत्फ उठाया. स्थानीय लोगों ने बताया कि मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवंत बनाये हुये है.

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