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वित्तीय वर्ष में मृत्यु होने पर झारखंड के मनरेगा मजदूरों को मिलेगा अनुग्रह अनुदान, 10 करोड़ रुपये ‍का प्रावधान

आंशिक रूप से विकलांग होने पर 37,500 रुपये, दुर्घटना में मृत्यु अथवा अप्राकृतिक मृत्यु (हत्या सहित) होने अथवा स्थायी रूप से विकलांग/अंग-भंग होने पर 75,000 रुपये और सामान्य मृत्यु होने पर राशि 30,000 रुपये दिये जायेंगे.

Jharkhand Mgnrega News रांची : मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अनुग्रह अनुदान हेतु राज्य कोष से कुल 10 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है. उन्होंने सारे जिलों को पत्र लिख कर प्रावधान के तहत अनुदान देने को कहा है. उन्होंने कहा कि अधिकतम 65 वर्ष तक के जिन मजदूरों ने किसी वित्तीय वर्ष में कम-से-कम 15 दिनों तक मनरेगा में काम किया है, उनका उस वित्तीय वर्ष तथा अगले वित्तीय वर्ष में मृत्यु अथवा दुर्घटना में मृत्यु अथवा अप्राकृतिक मृत्यु (हत्या सहित) अथवा अंग-भंग हो जाता है, तो उनके वैध उत्तराधिकारी या दुर्घटना से पीड़ित श्रमिक को अनुग्रह अनुदान की राशि का भुगतान किया जाये.

आंशिक रूप से विकलांग होने पर 37,500 रुपये, दुर्घटना में मृत्यु अथवा अप्राकृतिक मृत्यु (हत्या सहित) होने अथवा स्थायी रूप से विकलांग/अंग-भंग होने पर 75,000 रुपये और सामान्य मृत्यु होने पर राशि 30,000 रुपये दिये जायेंगे. मनरेगा योजना अंतर्गत निर्मित डोभा में डूबकर मरनेवाले मृतकों के आश्रितों को 50,000 मिलेंगे.

24 घंटे में दें राशि :

मनरेगा आयुक्त ने सभी जिलों के उप विकास आयुक्तों को एक सप्ताह के अंदर ऐसे सभी मृत श्रमिक या दुर्घटना से पीड़ित श्रमिकों को चिह्नित कर सूची विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. यह भी निर्देश दिया है कि ऐसी किसी प्रकार की घटना होने पर तुरंत विस्तृत जांच की जाये और मामला सही पाये जाने पर 24 घंटे के अंदर आश्रित या पीड़ित को राशि उपलब्ध करायें.

रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन में अब भी सुधार नहीं

रांची. दो-दो ग्रामीण विकास सचिव और मनरेगा आयुक्त के निर्देश के बाद भी मनरेगा मजदूरों के खाते में सुधार नहीं हो पा रहा है. इस वजह से मजदूरी का पैसा खाता में नहीं जा पा रहा है. अक्सर ट्रांजेक्शन रिजेक्ट होने की समस्या हो रही है. इस मामले को तत्कालीन ग्रामीण विकास सचिव आराधना पटनायक ने गंभीरता से लिया था.

उन्होंने बैठक करके कई बार डीडीसी और बीडीओ को सुधार करने का निर्देश दिया था. वहीं विभागीय सचिव बनने के बाद मनीष रंजन व पूर्व मनरेगा आयुक्त वरुण रंजन ने भी इस मामले में अफसरों से समस्या का हल निकालने को कहा था. अब नयी मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी आयी हैं. उन्होंने भी ट्रांजेक्शन रिजेक्ट की समस्या को सुधारने का निर्देश दिया है.

रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन में अब भी सुधार नहीं

रांची : दो-दो ग्रामीण विकास सचिव और मनरेगा आयुक्त के निर्देश के बाद भी मनरेगा मजदूरों के खाते में सुधार नहीं हो पा रहा है. इस वजह से मजदूरी का पैसा खाता में नहीं जा पा रहा है. अक्सर ट्रांजेक्शन रिजेक्ट होने की समस्या हो रही है. इस मामले को तत्कालीन ग्रामीण विकास सचिव आराधना पटनायक ने गंभीरता से लिया था.

उन्होंने बैठक करके कई बार डीडीसी और बीडीओ को सुधार करने का निर्देश दिया था. वहीं विभागीय सचिव बनने के बाद मनीष रंजन व पूर्व मनरेगा आयुक्त वरुण रंजन ने भी इस मामले में अफसरों से समस्या का हल निकालने को कहा था. अब नयी मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी आयी हैं. उन्होंने भी ट्रांजेक्शन रिजेक्ट की समस्या को सुधारने का निर्देश दिया है.

Posted By : Sameer Oraon

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