चुनाव प्रेक्षक लोकतंत्र के प्रकाशस्तंभ, बोले मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार
ECI Briefs Observers: मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेक्षकों से कहा है कि वे लोकतंत्र के प्रकाश स्तंभ हैं. चुनाव आयोग की आंख और कान हैं. इसलिए उन्हें पूरी निष्पक्षता के साथ काम करना चाहिए. राजनीतिक दलों की समस्याओं के समाधान के लिए सर्वसुलभ रहना चाहिए. जमीनी स्थिति से समय पर आयोग को अवगत कराना चाहिए और उस पर सख्त एक्शन भी लेना चाहिए.
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ECI Briefs Observers: झारखंड के घाटशिला (एसटी) विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के अलावा बिहार विधानसभा चुनाव एवं अन्य राज्यों में उपचुनावों से पहले चुनाव आयोग ने केंद्रीय प्रेक्षकों की नियुक्ति होनी है. चुनाव से पहले सामान्य, पुलिस एवं व्यय प्रेक्षक नियुक्त किये जाने वाले अधिकारियों को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने संबोधित किया. नयी दिल्ली में आईआईआईडीईएम में आयोजित बैठक में 425 आईएएस, आईपीएस और आईआरएस रैंक के अधिकारी शामिल हुए.
425 अधिकारी बैठक में हुए शामिल
इस बैठक में 287 आईएएस अधिकारियों, 58 आईपीएस अधिकारियों और आईआरएस/आईआरएएस/आईसीएएस और अन्य सेवाओं के 80 अधिकारियों सहित 425 अधिकारियों ने भाग लिया. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयुक्त डॉ सुखबीर सिंह संधू और डॉ विवेक जोशी के साथ केंद्रीय प्रेक्षकों को ब्रीफ किया. प्रेक्षकों को संबोधित करते हुए ज्ञानेश कुमार ने उन्हें लोकतंत्र का प्रकाश स्तंभ बताया.
जमीनी इनपुट देने और निष्पक्ष अनुपालन कराने का निर्देश
उन्होंने कहा कि यही लोग चुनाव आयोग की आंख और कान के रूप में काम करते हैं. इसलिए केंद्रीय प्रेक्षकों को सभी चुनाव कानूनों, नियमों और दिशा-निर्देशों से परिचित होना चाहिए. सीधे जमीनी इनपुट प्रदान करें और उनका सख्त और निष्पक्ष अनुपालन भी सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि प्रेक्षकों को राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं के लिए उनकी शिकायतों के निवारण के लिए पूरी तरह से सुलभ रहना है.
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ECI Briefs Observers: प्रेक्षकों को सर्वसुलभ रहने की दी सलाह
प्रेक्षकों को मतदान केंद्रों का दौरा करने और मतदाताओं की सुविधा के लिए आयोग द्वारा हाल ही में की गयी पहल के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में सहायता करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 324 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20बी द्वारा उसे प्रदत्त पूर्ण शक्तियों के तहत केंद्रीय प्रेक्षकों की नियुक्ति करता है. वे जमीनी स्तर पर चुनावी प्रक्रिया के कुशल और प्रभावी प्रबंधन की भी निगरानी करते हैं.
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