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बचकाना बयान न दें डिप्टी मेयर : आदित्य विक्रम

रांची : इंपावर झारखंड के अध्यक्ष व कांग्रेस नेता आदित्य विक्रम जायसवाल ने कहा है कि डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय बचकाना बयान दे रहे हैं. उन्हें उनके पद की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि वह पहले जायसवाल परिवार का इतिहास पता कर लें. जायसवाल परिवार ने आजादी की लड़ाई […]

रांची : इंपावर झारखंड के अध्यक्ष व कांग्रेस नेता आदित्य विक्रम जायसवाल ने कहा है कि डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय बचकाना बयान दे रहे हैं. उन्हें उनके पद की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि वह पहले जायसवाल परिवार का इतिहास पता कर लें. जायसवाल परिवार ने आजादी की लड़ाई से लेकर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. परिवार के सदस्यों ने तन-मन और धन न्योछावर किया है. इस परिवार के कई सदस्य जन प्रतिनिधि हुए हैं. डिस्टिलरी तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर हो रहे साजिश के विरोध में वह गैर जिम्मेदाराना वक्तव्य दे रहे हैं.
क्या कहा था डिप्टी मेयर ने
डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा था कि वर्षों पूर्व जायसवाल परिवार ने डिस्टिलरी के पास शराब की भट्ठी का निर्माण कराया. उसी क्रम में पानी की जरूरत महसूस हुई, तो वहां सरकारी नाले के सामने चेक डैम का निर्माण करा आसपास के जनजाति बन्धुओं के जमीन को भी उसका हिस्सा बनाते हुए पानी का एक फिल्टर यूनिट स्थापित किया गया.
एक से डेढ़ लाख लीटर पानी, जो उस शराब भट्टी में उपयोग के लिए लगता था, उसी का उपयोग जायसवाल परिवार द्वारा किया जाने लगा. कुछ वर्ष पहले जब डिस्टिलरी पर सरकार की लगाम लगी तो जायसवाल बंधुओं ने उस कार्य को बंद कर उस तालाब को भगवान भरोसे छोड़ दिया.
धीमी रफ्तार ; तीन माह में महज तीन किलाेमीटर केबुल बिछा पायी कंपनी
साल भर पहले सीएम ने रखी थी अंडरग्राउंड केबलिंग की आधारशिला
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 28 अप्रैल 2016 में रांची में अंडर ग्राउंड केबलिंग सेवा की आधारशिला रखी थी. उस समय अंडर ग्राउंड केबलिंग का काम पूरा करने के लिए दो साल का लक्ष्य रखा गया था. मुख्यमंत्री ने इस काम को तय समय सीमा में पूरा कराने का निर्देश दिया था.
अधिकारियों ने दावा भी किया गया था कि सरकार की ओर से राजधानी की बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने का जो प्रयास किया जा रहा है, उसका असर 2017 में नजर आने लगेगा. हालांकि, राजधानी में अंडरग्राउंड केबलिंग की रफ्तार काफी धीमी है. ऐसे में वर्ष 2018 तक रांची में जीरो पावर कट का सपना पूरा करना विभाग के लिए दूर की कौड़ी लग रही है.
रांची : राजधानी में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम इस साल फरवरी-मार्च में शुरू हुआ, लेकिन अब तक महज तीन किलोमीटर में ही अंडरग्राउंड केबलिंग हुई है. अंडरग्राउंड केबलिंग का काम पॉलिकैब कंपनी को दिया गया है.
कंपनी ने अब तक अशोक नगर में दो किलोमीटर, कुसई कॉलोनी में 500 मीटर और बूटी रोड स्थित दीनदयाल नगर में 500 मीटर में ही अंडरग्राउंउ केबलिंग का काम किया है. जबकि, रांची में 11 केबी की लाइनों का कुल 11,112 किमी और 33 केबी की लाइनों का 33.5 किमी अंडरग्राउंड केबलिंग करनी है. अगर यही रफ्तार रही, तो करीब 100 करोड़ रुपये की लागत की इस योजना को पूरा होने में वर्षों लग जायेंगे.
आंधी-बारिश में अंधेरे में रहने को विवश हैं लोग : बीते सोमवार को शहर में आयी आंधी और बारिश की वजह से बड़े इलाके में बिजली गुल हो गयी, जो मंगलवार को सामान्य हो पायी.
इस दौरान लालपुर पीस रोड और नवीन मित्रा रोड सहित कई अन्य इलाकों के उपभोक्ताओं को अंधेरे में रहना पड़ा. ऐसा हर बार होता है. हल्की आंधी अौर बारिश में बिजली के तार और पोल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. विभागीय अधिकारी कहते हैं कि पहले चरण में 33 केबी चुटिया लाइन और कोकर भाभा नगर सहित अन्य संबंधित इलाके में अंडरग्राउंड केबलिंग करनी है. इसके बाद जहां जरूरत होगी, वहां केबुल को भूमिगत किया जायेगा.
अभी पूरी बारिश बाकी, तैयारी अधूरी : बारिश का मौसम नजदीक है, लेकिन विभागीय तैयारी पूरी नहीं हुई है. शहर में कई जगहों पर पेड़ों की छंटाई की जानी बाकी है. तार और जंफर आदि को दुरुस्त किया जाना है. इन सबके बाद ही आंधी व बारिश झेलने की सोच सकता है.
हालांकि, बारिश व आंधी से बचने का अच्छा दुरुस्त तरीका अंडरग्राउंड केबलिंग के कार्य में तेजी लाना है. हालांकि, बिजली विभाग के लोगों का मानना है कि अंडरग्राउंड केबलिंग का काम अगले कुछ महीनों में सतह पर दिखना शुरू हो जायेगा. 2018 के अंत तक बिजली की व्यवस्था में काफी परिवर्तन दिखेगा. मौसम की वजह से लाइन में आनेवाली खराबी से संबंधित शिकायतें काफी कम हो जायेंगी.
सोमवार को इन क्षेत्रों में हुई परेशानी
-कोकर अौद्योगिक क्षेत्र में पेड़ गिरा -रिम्स में पार्क के सामने पेड़ गिरा -मोरहाबादी शिव मंदिर के पास पेड़ गिरा -लालपुर पीस रोड में पेड़ गिरने से ट्रांसफरमर व डीपी क्षतिग्रस्त -कोकर शहरी फीडर के नामकुम फीडर से न्यूक्लियस मॉल के समीप होर्डिंग का कपड़ा गिरा, जिससे तार टूट गया -सरर्कुलर रोड के समीप अंडर ग्राउंड केबुल में लगा इंश्युलेटर खराब हो गया -कांटाटोली कब्रिस्तान के समीप पेड़ गिरा -ढेला टोली में नारियल का पेड़ गिरा -अलबर्ट एक्का चौक व काली मंदिर चौक के समीप होर्डिंग पर बिजली का तार गिरा -इसके अलावा कई अन्य इलाकों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई.
रांची में सोमवार दोपहर बारिश के दौरान चली आंधी से बिजली विभाग को करीब सात लाख रुपये का नुकसान हो गया. जनता परेशान हुई सो अलग. सबसे अधिक नुकसान पीस रोड में हुआ. यहां पेड़ गिरने से ट्रांसफारमर और डीपी सहित अन्य उपकरण क्षतिग्रस्त हो गये थे. केवल इसी घटना में बिजली विभाग को चार लाख रुपये तक का नुकसान हो गया. जिन इलाकों में विभाग को नुकसान हुआ है, वहां अंडरग्राउंड केबलिंग का काम शुरू तक नहीं हुआ है. अगर काम समय पर होता, तो तो विभाग को नुकसान और आमलोगों को परेशानी नहीं होती.

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